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गलत एस्टीमेट में बन रहे भवन को इंजीनियर ने किया निरस्त, तो जनपद सीईओ ने दबाव बना कर दिया बनाने का आदेश !

सरायपाली जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत कुसमीसरार में लोगों की आखों में धुल झोंखकर एक बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है. और जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे हुए है.

पूर्व कार्यकाल मे ग्राम पंचायत कुसमीसरार के आश्रित ग्राम हडरासरार में मंगल भवन का कार्य पंचायत को मिला था, लेकिन उन रकम का पूर्व सरपंच द्वारा गबन कर लिया गया था.

जिसके बाद एसडीएम सरायपली द्वारा गबन करने वाले सरपंच-सचिवों के ख़िलाफ लगातार कार्यवाही और गिरफ्तारी वारेंट जारी करने से पूर्व सरपंच ने कार्यवाही और रिकवरी के डर से भवन को निर्माण के लिए स्वीकार किया.

ग्रामीण  जगत  तांडी  ने बताया कि  गांव में एक मंगल भवन का निर्माण हो रहा है. जिसमे 6 कालम लगाया गया था. जब लोगो को इसपर शंका हुआ की यह गलत स्टीमेट से बनाया जा रहा है तब ग्रामीणों ने सरायपाली जनपद के इंजीनियर को इस बात की जानकारी दी.

जिसके बाद इंजीनियर द्वारा जांच किया गया और 4 कालम और लगाने के निर्देश दिए गए. और 4 और कालम लगाया भी जा रहा है लकिन कब जब भवन का निर्माण छत यानी लेंटर लेबल तक पूरा हो चुका था तब.

वहीं मंगल भवन निर्माण में 2 दरवाजे रहना चाहिए था लेकिन अब इस बड़ी गलती के वजह से 1 ही दरवाजा बनाया जा रहा है. दूसरी बड़ी गलती बाद में जहां कालम लगाया जा रहा है उसको भी दूसरे कालमो के पास पास लगाया जा रहा है. चुकी जिस जगह यह कॉलम लगाना था उस जगह खिड़कियों का निर्माण किया गया है.

जब जनपद पंचायत सरायपली के इंजीनियर से सीजी संदेश ने संपर्क किया तो बताया गया कि मंगल भवन का निर्माण शुरू से ही गलत एस्टीमेट से बनाया जा रहा था, शिकायत के बाद जब जांच करने पहुँचे थे तभी हमने भवन को निरस्त कर जिला पंचायत को सौप दिया गया था. तब मंगल भवन का सिर्फ फाउंडेशन ही बना था.

लेकिन अचानक अभी एक दिन पूर्व सरपंच और सचिव आकर बोले कि हमने भवन निर्माण कर लिया है. इंजीनियर ने बताया कि पूर्व सरपंच और सचिव द्वारा निरस्त भवन निर्माण को जबर्दस्ती बना दिया है.

इंजीनियर जे एस पैकरा ने बताया कि पूर्व सरपँच लोग जनपद सीईओ स्निग्धा तिवारी के पास गए और जनपद सीईओ ने मुझे आदेश दिया कि कुछ नही होगा जैसा बन रहा है बनने दो.

जनपद सीईओ द्वारा बार-बार कहा गया कि कुछ नही होगा, जिसके बाद इंजीनियर ने जनपद सीईओ से लिखित में आदेश माँगा और सीईओ द्वारा एक लिखित आदेश दिया गया. जिसके बाद ही मंगल भवन का निर्माण गलत स्टीमेट से बनाया जा रहा है. मंगल भवन का निर्माण काफी हद पूरा हो चुका बस ढलाई करना ही बाकी है.

इंजीनियर ने कहा है कि हमारे मना करने के बावजूद भी यह भवन निर्माण जनपद सीईओ के आदेश में हो रहा है. इसका आदेश मेरे पास है. चूँकि मुझे पता था इसकी जरूरत कभी ना कभी पड़ेगा.

वहीं जनपद डॉ. सीईओ स्निग्धा तिवारी से संपर्क करने पर कहा कि मैंने कोई आदेश नही दिया है कोई गलत इस्टीमेट से निर्माण नही होगा मैं इंजीनियर को दिखवाती हूँ.

अब सवाल यह है कि क्या एक भवन में इतनी सारी गलतियां होने के बाद और भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद भी इसे निरस्त नही किया जाना चाहिए ? क्या इस गलती के वजह से मंगल भवन को मजबूती मिल पाएगा यह भी एक बड़ा सवाल है. और क्या इस बड़े गलती के वजह से बजट में सरपंच के भुगतान को काटा जाएगा ?





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