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ऐसे शराबी और निठल्ले मुख्य कार्यपालन अधिकारी के भरोसे है जशपुर जिला..!नशे में टुल्ल मुख्य कार्यपालन अधिकारी एक्का साहब बोलते हैं हमसे नही कलेक्टर से पूछो...पत्रकार को भी किया अपशब्दों का प्रयोग...ऑडियो सुनकर पकड़ बैठेंगे माथा...

जिले की अधोसंरचना का भार उठाये बैठे ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के जिले के बड़े अधिकारी इन दिनों दिन में भी हसीन शाम का मजा ले रहे है। होने को तो आज सोमवार है और वर्किंग डे है. लेकिन साहब वर्किंग डे और वर्किंग पीरियड (दोपहर)से ही टल्ली बने बैठे हैं ।हमें साहब के इन व्यक्तिगत आदतों से कोई लेना देना भी नहीं है लेकिन जब बात जनसरोकार की हो और इस मामले में जिम्मेदारी से जवाब देने के बजाय कोई अधिकारी सवाल पूछने वाले को नशे में अपशब्दों का इस्तेमाल करना शुरू कर दे तो अंगुली उठाना और सवाल करना हमारी नैतिक बाध्यता बन जाती है।

हम बात कर रहे है ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के ई ई टी एक्का की ।जिले के बड़े पंचायतो में कचरा फेकने के लिए शासन द्वारा ई-रिक्शा दिया जा रहा है। ई- रिक्शे की खरीददारी के लिए ग्रामीनयांत्रिकी सेवा को एजेंसी बनाया गया है ।जिले में ई रिक्शा के लिए कितने पंचायतो का चयन किया गया है और ई रिक्शा की लागत क्या है. 

ये जानने के लिए हमने मुख्य कार्यपालन अधिकारी टी एक्का के मोबाईल पर फोन मिलाया तो उन्होंने मेरे फोन को रिसीव नहीं किया लेकिन थोड़ी देर बाद मेरे नम्बर पर जब उनका कॉल बैक आया तो उनकी आवाज न केवल लड़खड़ा रही थी लड़खाते आवाज में उन्होंने मेरे सवाल को सुनने के बाद भड़क गए और कहने लगे कलेक्टर से पूछो ,कलेक्टर से …..क्योंकि हमें काम कलेक्टर ने दिया है तो इसका जिम्मेदार कलेक्टर होता है।उल्टा साहब हमसे ही तरह तरह के सवाल करने लगे और जब उनके बाहियाद सवालों पर हमें कोई गुस्सा नहीँ आया और हम उनके सवालों का जवाब देते रहे तो उल्टा उन्होंने हमारे लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया ।

इस ऑडियो को सुनकर आपको इतना तो समझ आ ही गया होगा कि जिले में अधोसंरचना के कार्य कैसे चल रहे होंगे और ऐसे अधिकारियो को नियम ,कानून और नैतिकता का कितना भय है ।

बहरहाल ,जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे को इस मामले की जानकारी दे दी गयी है साथ मे अधिकारी का ऑडियो क्लिप भी उन्हें भेजा गया है।कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लेकर समुचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।




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