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डेटिंग ऐप के जरिये 16 युवकों से प्यार, फिर उनके ही घरों में युवती ने की चोरी..

बंबल, टिंडर नामक डेटिंग साइट के जरिए युवकों को अपने प्रेम के मोह जाल में फंसाकर उन्हें मिलने के जिउ बुलाने के बाद बेहोशी की दवा देकर लूटने वाली युवती खुद क्राइम ब्रांच बूनिट 4 के जाल में फंस गई. नजरों के तीर चलाकर लूटने वाली इस ‘लुटेरी मोहिनी’ या यों कहें ‘चोरों की रानी’ ने एक नहीं, दो नहीं, बल्कि कुल 16 युवकों को डेटिंग साइट पर दोस्त बनाकर लूटा है. हालांकि, केवल चार लोगों ने केस दर्ज कराए है और चारों मामले उजागर हो चुके हैं.

 अब पहुंची सलाखों के पीछे

आरोपी युवती का नाम सायली देवेंद्र काले (27, साधु वासवानी रोड, पुणे) है, जो अब गिरफ्तार होकर सलाखों के पीछे पहुंच गई है. पिंपरी चिंचवड़ के पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने पत्रकारवार्ता में बताया कि, आरोपी युवती ने 10 दिसंबर 2020 को रावेत स्थित एक युवक के साथ उसके घर जाकर उसके ज्यूस में बेहोशी की दवा मिला दी. उसके बेहोश होने के बाद उसने उसके शरीर से सोने के जेवर निकाल लिए और नकद रकम सहित कुल लाख 85 हजार रुपये का माल चुरा लिया. इस संबंध में देहूरोड पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था.

क्राइम ब्रांच की यूनिट-4 के जाल में फंसी सायली

इस मामले की समानांतर जांच क्राइम ब्राच यूनिट-4 की पुलिस भी कर रही थी. पुलिस ने उसी का फंडा इस्तेमाल कर उसे पकड़ने की कोशिश शुरू कर दी. सहायक पुलिस निरीक्षक अंबरीश देशमुख, पुलिसकर्मी प्रवीण दले, तुषार शेटे, गौस नदाफ और प्रशांत सैद ने शिकायतकर्ता से संपर्क करके आरोपी युवती की जानकारी जुटाई.

पुलिस ने फर्जी आईडी बना कर युवती को फंसाया

चेन्नई के एक युवक व आरोपी युवती ने बंबल डेटिंग ऐप के जरिए दोस्ती होने के बाद पुलिस ने एक फर्जी प्रोफाइल बनाई. बंबल ऐप में ही उसकी तलाश शुरू की गई. आखिरकार उसका प्रोफाइल मिल गया और पुलिस ने उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी. कई दिनों तक युवती ने पुलिस के फर्जी प्रोफाइल पर रिस्पॉन्स नहीं दिया.

चेन्नई के युवक को प्रेमजाल में फंसाया

इस बीच, आरोपी युवती ने चेन्नई के एक युवक को डेटिंग साइट के जरिए प्यार के जाल में फंसाया और उसे बहला-फुसला कर मिलने के लिए पुणे बुलाया. ये दोनों वाकड़ के एक प्रसिद्ध होटल में रुके. इस बीच, युवती ने युवक से सॉफ्ट ड्रिंक पीने का आग्रह किया. यह ड्रिंक पीने के बाद युवक बेहोश हो गया. इसके बाद युवती उसके शरीर से सोने के आभूषण और नकद रकम मिलाकर कुल डेढ़ लाख रुपये लेकर होटल से भागने लगी. इस संबंध में वाकड़ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. देहूरोड व वाकड़ पुलिस स्टेशन के दोनों अपराधों का तरीका एक ही होने से पुलिस उपायुक्त सुधीर हिरेमठ ने इस मामले को क्राइम ब्रांच यूनिट 4 को सौंप दिया.

बेहोश करने मिलाती थी मां की दवा

आरोपी जिस दवा को युवकों की ड्रिंक में मिलाया करती थी. वह उसकी मां की थी. उसकी मां को विस्मति की बीमारी थी. यह दवा भारी मात्रा में खरीदकर वह इस तरह की वारदातों को अंजाम देती थी और लूट के पैसों से कीमती चीजें खरीदती और नशे के लिए व पार्टियों में खर्च करती. उसने घर में बताया था कि, वह कहीं नौकरी करती है. वह हर महीने निर्धारित रकम घर में देती थी. पुलिस कार्रवाई के लिए घर जाने के बाद उसके परिवार को उसकी करतूतों के बारे में पता चला. इस बलबी के जाल में फंसे कई युवक समाज में बदनामी के डर से शिकायत दर्ज करने के लिए आगे नहीं आते थे.

महिलाओं को भी अपने जाल में फंसाती थी युवती

युवती के खिलाफ वाकड, देहूरोड और चंदननगर पुलिस स्टेशन में चार मामले दर्ज है. जांच में पता चला कि, यह युवती सिर्फ युवकों को ही नहीं, बल्कि महिलाओं को भी फेक आईडी के जरिए जाल में फंसाती थी. बाद में उन्हें ब्लैकमेल करती थी. उसके द्वारा दो महिलाओं को ब्लैकमेल किए जाने के मामले सामने आए है. चुराये गए फोन से डेटिंग ऐप अनइन्स्टॉल करके उन्हें तोड़कर कूडेदान में फेक देती थी, जिसके कारण पुलिस को उसका सुराग नहीं मिल रहा था.

इन्होंने की कार्रवाई

यह कार्रवाई क्राइम ब्रांच यूनिट-4 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रसाद गोकुले, सहायक पलिस निरीक्षक अंबरीश देशमुख, सहायक पुलिस उपनिरीक्षक धर्मराज आवटे, दादाभाऊ पवार, पुलिसकर्मी प्रवीण दले, नारायण जाधव, संजय गवारे, आदिनाथ मिसाल, रोहिदास आडे. तुषार शेटे, लक्ष्मण आसारी, मोहंमद गौस नदाफ, वासुदेव मुंडे, शावरसिद्ध पांढरे, प्रशांत सैद, सुनील गड़े, तुषार काले, सुरेश जायभाये, अजिनाथ ओबासे, धनाजी शिंदे, सुखदेव गावंडे, गोविंद चव्हाण, स्वाति रूपनका, वैशाली चांदगुडे, तकनीकी विभाग के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय गंगार, राजेंद्रशेटे, नागेश माली, पोपट हलगे आदि की टीम ने की.

अपने ही जाल में फंसी युवती

देहरोड पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले की जांच करते समय युवती के प्रोफाइल पर पुलिस ने फर्जी एकाउंट्स से रिक्वेस्ट भेजे थे, उनमें से एक को उसने एक्सेप्ट कर लिया, पुलिस ने उससे बातचीत बढ़ाकर भूमकर चौक में उसके बताए समय पर मिलने के लिए बुला लिया. 26 जनवरी को युवती मिलने के लिए आई और तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया. उससे की गई पूछताछ में पता चला कि, वह वहीं आरोपी है, जिसने अन्य युवकों को चूना लगाया. यह युवती उन युवकों को ढूंढती और उनसे संपर्क करती थी, जो पुणे में नहीं रहते थे. उन्हें मिलने के लिए लांज या घर में बुलाकर ड्रिंक में नींद की गोलियां मिलाकर बेहोश करती थी और बाद में पूरा माल समेटकर चली जाती. इस युवती ने एक वर्ष की अवधि में 16 युवाओं को लूटा है.

15 लाख रुपए नकद व 289 ग्राम सोने के गहने जब्त

पुलिस ने उसके पास से 15 लाख 25 हजार रुपये के 289 ग्राम सोने के जेवर और मोबाइल फोन जब्त किए हैं लूटे गए जेवर वह सराफा दुकानों में विभिन्न भावनात्मक कारण बताकर गिरवी रखती थी. उसने रास्ता पेठ के एक सराफा व्यवसायी को बताया कि, उसके पिता सेवा निवृत्त कर्नल थे. उन्हें कैंसर हो गया है. फिलहाल रूबी हॉल में उनका इलाज चल रहा है. उसे पैसों की सख्त जरूरत है. इस तरह की कहानी बताकर उसने जेवर गिरवी रखकर पैसे लिए थे.




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