फुलझर देवरी मसीह मेला हुआ समापन
रायपुर से सरायपाली रोड़ NH53 पर लगे पर्रापाट में हो रहे फुलझर देवरी मसीह मेला जो 63 वर्षों से मशीही समाज द्वारा फूलझर देवरी मसीह मेला के नाम से आयोजन किया जा रहा है।मेला का आयोजन जनवरी के अंत में या फरवरी महीने में सुरु किया जाता है। इस साल भी फुलझर देवरी मसीह मेला का आयोजन 19 फरवरी को आरंभ एवं 21 फरवरी को समापन हुआ। मेले में इस वर्ष आध्यात्मिक प्रवचन के लिए चंडीगढ़ पंजाब से डॉ नीतू पी चौधरी रहे। मेले में आये विश्वशियो ने वक्ता ने दिए वचन को बहुत अच्छे से सुनते हुए प्रभु येशु मसीह की आराधना किये।चंडीगढ़ से आये वक्ता ने लोगो को देख कर अपनी खुशी जाहिर की और लोगो को बाइबल वचन को लोगो के बीच में रखा। मेले में मेला में फुलझर अंचल के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से मसीही समाज के लोग आस्थापूर्वक शामिल हुए।फुलझर क्षेत्र के अलावा दूर दराज मसीही जन प्रभु येशु मसीह की आराधना करने आये।वही प्रवचन के अलावा बाइबल की प्रतियोगिताएं, गीत-संगीत प्रतियोगिता, कीर्तन-बैठकी प्रतियोगिता, जवानों के लिए वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित किये जाते है,संगीत आराधना, बाइबिल पाठ के साथ ही कई कार्यक्रम में मसीही युवा हिस्सा लेते है।इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रदेशों से भी मसीहीजन शामिल होते हैं।इस बार भी मेले का आयोजन शांतिपूर्ण से किया गया,लगातार हर साल से मेले का समापन शांतिपूर्ण से करते आ रहे हैं।
मेला को एक त्येवहार के रूप में मनाया जाता हैं
63 वर्षों से मेले का आयोजन क्षेत्र में किया जा रहा जहां क्षेत्र के लोगो का दिलचस्पी बड़ने लगा हैं।मेले में आने वाले लोग मिल कर मेले को सफलतापूर्वक संचालित करने में सहयोग करते हैं। यह मेला क्रिसमस एवं नए साल के बाद और ईस्टर के पहले होता हैं।नया साल आते ही लोगो का फुलझर देवरी मशीही मेला का इंतजार होता।मेला का समय नजदीक आते ही अपनी तैयारी में जुट जाते इस मेले को एक त्योहार के रूप देखा जाता हैं। मेले में आने वाले लोग से मेले को सफल बनाने के लिए कई तरह के दान दिया करते हैं। वहीं एक परिवार ने मेले का स्वागत दरवाजे को दान करके अपनी खुशी मेले के लिए जाहिर किया , और कई लोग ने सहयोग राशि, किसी ने कोई और व्यवस्था के लिए दान कर सहयोग किया, दान दाताओं को मेले के लिए दान करते हुए उन्हें बहुत खुशी मिलती है। इसलिए वे मेले को दान करते है। वहीं मेले में दूरदराज से आये विश्वशियो के लिए रुकने की व्यवस्था टेंट तम्बू मेला समिति के तरफ से किया जाता हैं। जहाँ सभी दिनों के लिए खाने की व्यवस्था कि जाती हैं।मेले के शुरू से अंत तक भरपूर 3 से 4 दिन तक मेले में आये सभी खाना खा सकते है।हर साल मेले का समापन रविवार को किया जाता हैं जहाँ मेले में आये लोग दोपहर में खाना खा कर अपने सभी से मिलजुल कर मेले का समापन खुशी खुशी करते हैं। इस मेले में पादरी एम सागर मेला सभापति,पादरी सी दीप मेला सचिव,पादरी प्रेमकोशोर बाघ मेला उपसभापति,डिकन प्रेम किशोर बाघ,मेला आरक्षक,शारद बाघ कोषाध्यक्ष,डिकन सुभाषचंद्र नंद, डिकन येशु दास,सुजीत कुमार,प्रशांत नंद,डिकन राकेश नंद,अनुपम कलेत,डीकन अय्यूब दीप मेला प्रबंधक,कन्वीनर डिकन अनिमेष सिंह बढ़ाई एवं कलीसिया सचिव,डीकन डेनियल तांड कन्वीनर,वारिश कुमार एवं धीरेंद्र कुमार जगत सहित सभी पदाधिकारियों ने मेला को सफल बनाने में सहयोग किया।