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महासमुन्द : महिलाओं की आर्थिक स्थिति होगी मजबूत, टसर कोसा धागाकरण का दस दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न

 जिले में टसर रेशम विकास में नई गति देने के लिए 41 ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं को टसर कोसा धागाकरण का बुनियाद रीलिंग एवं विद्युत चलित स्पिनिंग मशीन  का दस दिवसीय प्रशिक्षण रेशम विभाग द्वारा दिया गया। शुक्रवार को प्रशिक्षण के अंतिम दिन कलेक्टर डोमन सिंह और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ. रवि मित्तल ग्राम लाहंगर प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए। कलेक्टर ने महिलाओं को सामग्री रखने हेतु बैग सौंपे। कलेक्टर ने प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं से प्रशिक्षण के तौर तरीकें और बारीकियां पूछे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा जीविकोपार्जन संबंधी प्रशिक्षण दिए जाते हैं। आप भी और आप जैसी अन्य ग्रामीण महिलाएं आगे आकर इन प्रशिक्षणों का लाभ उठाएं और अपनी आय में अतिरिक्त वृद्धि करें। कलेक्टर से महिलाओं ने बताचीत करते हुए कहा कि वे इस प्रशिक्षण के बाद आत्मनिर्भर बनते हुए अपनी आय में वृद्धि सकेंगी। उन्होंने कहा कि वे घर पर धागाकरण का कार्य उनकी अतिरिक्त आय भी होगी।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल ने कहा कि जिला पंचायत द्वारा भी विभिन्न कार्यक्रम के जरिए ग्रामीण महिलाओं को अलग-अलग व्यवसाय में स्वावलंबी बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनानें के लिए कई तरह के प्रशिक्षण दिए जा रहें हैं। उनका भी लाभ उठाएं।यह प्रशिक्षण 25 फरवरी से शुरू हुआ था। प्रशिक्षण महिलाओं में महामसुन्द विकासखण्ड के ग्राम लहंगर की 25 और बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम भालूचुंवा के 16 आदिवासी महिलाएं शामिल हुई। उप संचालक रेशम डाॅ. राकेश कुमार गुप्ता ने प्रशिक्षण का उद्देश्य बताएं। इन महिलाओं को प्रशिक्षण के बाद बुनियादी मिलिंग मशीन एवं स्पिनिंग मशीन शत्-प्रतिशत् अनुदान पर प्रदाय की जाएगी। जिस पर धागाकरण का कार्य कर महिला अपनी आमदनी कर आत्मनिर्भर बनेगी। केन्द्र प्रभारी रेशम आर.एस. राठौरा द्वारा महिलाओं को तकनीकी जानकारी दी गई। नोडल अधिकारी रेशम  एस.के. टिकरिहा ने विद्युत चलित स्पिनिंग मशीन के बारें में प्रशिक्षण दिया।  प्रदीप नामदेव ने भी प्रशिक्षण संबंधी बारीकियां बतायी गयी।




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