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गरीब आदिवासी महिला के आवास का पैसा हड़प गया ठेकेदार सेठ..सरपंच पीड़ित महिला के पक्ष में कराएंगे दोषी पर एफआईआर...!


शासन द्वारा प्रत्येक गरीब परिवार को पक्का मकान देने के लिए चलाई जा रही पीएम आवास योजना में गड़बड़ी थमने का नाम नही ले रही हैं। धरमजयगढ़ जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत सिथरा में एक भोले भाले गरीब परिवार होने का फायदा उठाते हुए हितग्राही की किश्त की राशि एक सेठ पर हड़पने का आरोप लगया जा रहा हैं।

इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब हितग्राही के आवास की किश्ते लेने के बाद भी उनका पीएम आवास आज तक नहीं बना, और मामला सामने आने के पहले ही उक्त सेठ क्षेत्र से गायब हो गया है। वहीं पीडि़त परिवार अपनी फरियाद लेकर मीडिया के माध्यम से इसकी गुहार लगा रहे हैं। साथ ही उक्त सेठ के खिलाफ एफआईआर करने की बात कर रहे हैं।

मामला है ग्राम पंचायत सिथरा का जहां बीते वर्ष में इंद्रोबाई के नाम से प्रधानमंत्री आवास पास हुआ था ऐसे में खडग़ाव निवासी राधे अग्रवाल इनकी मासूमियत का फायदा उठाते हुए हितग्राहि का पक्का मकान बनाने का ठेका मिला है कहकर हितग्राही महिला को धरमजयगढ़ बैंक में ले जाता था और महिला के खाते से रुपए निकालकर खुद रख लिया करता था। वहीं महिला ने बताया कि जब भी बैंक जाकर रुपये निकालते थे तो तुरंत महिला के हाथ से राधे अग्रवाल रुपये ले लिया करता था। इसके बाद जब रुपये आने बंद हुए तो आवास का काम भी बन्द हो गया। ऐसे में इनके भोले-भाले होने का फायदा उठाकर हितग्राही के आवास की पूरी रकम उक्त राधे सेठ डकार गये। ग्रामीण हितग्राही उक्त सेठ के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवाने की बात कह रहे हैं।

क्या कहते हैं सरपंच-वहीं इस मामले को लेकर जब सिथरा कि सरपंच से बात की गई तो उनके द्वारा भी संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की बात कही जा रही है।

क्या कहता है सेठ -

जब मीडिया ने उक्त सेठ से सम्पर्क करने उनके गांव पहुंचे तो पता चला कि राधे अग्रवाल इस तरह का ही कार्य करता है। जब उक्त ठेकेदारनुमा सेठ से मोबाइल पर संपर्क किया गया तो रायपुर में होने की बात कहते हुए बताया कि मैं इस नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानता और फोन काट दिया।

विचारणीय बिंदु-

अगर आदिवासी महिला के बातों में तनिक भी सच्चाई है तो इस तरह अन्य जनपद पंचायत में और भी कई मामले होगें लेकिन अगर फिर भी जनपद पंचायत अधिकारी के पास शिकायत जाने के बाद भी ऐसे ठकबाजों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करते है तो ठगबाजों के हौसले बुलंद होना आम बात है। आगे देखना होगा कि इस मामले में जनपद पंचायत के शक्षम अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं या फिर एक और गरीब परिवार को ठगने के लिए सेठ को अभयदान दिया जायेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।




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