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10 सितंबर विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा सीएचसी केंद्र सरायपाली में दिया गया परामर्श

सरायपाली। दिनांक 10 सितंबर 2021 को कार्यशाला के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरायपाली में 10 सितंबर विश्व आत्म हत्या रोकथाम दिवस मनाया गया। आत्महत्या रोकथाम सप्ताह 06 सितंबर से 12 सितंबर तक मनाया जा रहा है। इस वर्ष का थीम- क्रियेटिंग होप थ्रू एक्सन अर्थात कार्यवाही के माध्यम से आशा पैदा करना है। हेश टेग के माध्यम से मेडिकल कॉलेज सम्बंध जिला चिकित्सालय स्पर्श क्लिनिक महासमुंद से उपस्थित मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता रामगोपाल खूँटे द्वारा कार्यशाल के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया गया। हमको हर हाल में आत्महत्या जेसे कलंक समाज में व्याप्त हैं। उसको कदम से कदम ताल मिलाते हुए मिटाना है। कार्य शाला के दौरान एक सख्स ने बताया।

केस 1- बदला हुआ नाम राकेश कुमार, पुरुष उम्र 27 साल का हु, मैं एक पेसे से वाहन चालक हूँ, मेरी 3 लड़की है। पत्नी अपने मायके चली गई है। पिछले 7 माह से मेरा मानसिक स्वास्थ्य ठीक नही है। जिसके कारण मानसिक तनाव, नींद नही आना, बार बार पत्नी के बारे में सोचना आत्महत्या जेसे ख्याल आना आदि हैं। मैं शराब भी पिता हूँ और पिछले 7 माह से काम पर नही जा पा रहा हूँ, और एक बार आत्महत्या का ख्याल आया जिसे में रोक नही पाया और जहर का सेवन कर लिया। परंतु मुझे जिला अस्पताल ले गया था परामर्श दिया गया है। दवाई इलाज आधा अधूरा लिया, उसके बाद भी जीवन का अंत करने का कदम उठाया। आज में अपने आप को शर्मिंदा मह्सुस कर रहा हूँ। जान देना समस्या के हल नही हैं। समय पर मेरा घर वाले इलाज नही कराते तो आज में बच नही पाता। मुझे मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा पुरे परिवार को सलाह दिया की में एसे कदम नही उठाऊँगा। परेशानी का सामना करूंगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ड़ॉ एन के मंडपे और नोडल अधिकारी डॉ छत्रपाल चंद्राकर के निर्देशन पर कार्य शाला आयोजित किया गया।   सामुदायीक स्वास्थ्य केंद्र के बी एम ओ डॉ नारायण साहू, बीपीएम सीतल सिह का सहयोग रहा।

आत्महत्या रोकथाम पर कार्यशाला में डॉ योगेश बरिहा, शिम्पी गिरी सहायक चिकित्सा अधिकारी , प्रेमु राम घृतलहरे, प्रहलाद कनधेर संतोष साहू,दमोदर विशाल,युराज,झसकेतन,निमी ध्रुव,कुसुम लता दिवान,तारा चौहान, शिला मांझी,वीना,हँसा धनेश्वरी,प्रगति राधा बाई चौहान मितानिन आदि उपस्थित थे। मुख्य मानसिक रोगउन्माद, चिंता ,भय विकार, मनोविद्ल्ता, बाई पोलर डिसॉर्डर, मेनिया, पेनिक डिसॉर्डर, बिहेवियर की समस्या, नशा की समस्या कैसे रोक थाम कर सकते है। इलाज संभव है। झाड़ फुक से इलाज नही हो सकता। बारी बारी से अपना विचार बांटने का प्रयास किये, मरीजो को फ़ल भी बाटा गया।




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