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सरायपाली : राष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता जिसे राज्यपाल द्वारा किया गया सम्मानित, सरपंच की दबंगई से परेशान, शिकायत को लेकर खा रहा दर-दर की ठोकरें.

सरायपाली ब्लाक में एक राज्यपाल द्वारा सम्मानित व्यक्ति अपराधी प्रवृत्ति के सरपंच की दबंगई से प्रताड़ित है. मामले की शिकायत, वर्ष 2017 में अनुविभागीय अधिकारी सरायपाली, 30 जनवरी 2021 को महासमुंद कलेक्टर, 31 मार्च 2021 को राज्यपाल से की गई और अब भी लगातार की जा रही है. लेकिन 5 वर्ष के बीत जाने के बाद भी शिकायतकर्ता को न्याय नहीं मिला.

पीड़ित शिकायतकर्ता सरायपाली ब्लाक के ग्राम कुसमीसरार निवासी हैं, शिकायतकर्ता वासुदेव दास उम्र 65 वर्ष, विगत 5 पीढ़ियों से पूर्वजों द्वारा निर्मित मिट्टी के बने खपरैल मकान में निवासरत हैं, वैदिक जानकारी होने के कारण ग्रामीण उन्हें शास्त्री कहते हैं. लेकिन अब वे अपने मिट्टी के बने खपरैल घर के गिरने के डर से पक्का मकान का निर्माण करना चाहते हैं. जिसका पट्टा उनके नाम पर है. लेकिन गाँव का सरपंच शिवप्रसाद बारीक बलपूर्वक वहां अपनी दीवार खड़ी कर रहा है.

सरपंच खुद को कांग्रेसी, विधायक का करीबी, और मुख्यमंत्री तक अपनी पहुँच भी बताता है, गाँव के विकास कार्य में भ्रष्टाचार करने की दर्जनों शिकायतें इस सरपंच के विरुद्ध है. इस सरपंच के भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले ग्रामीण बताते हैं कि गाँव का हाल अंधरे नगरी चौपट राजा की तरह है. दर्जनों शिकायत के बाद भी पूरी कार्रवाई नहीं होती, जनपद के अधिकारी भी सरपंच को बचाने की कोशिश करते हैं.
अधिकारीयों के ऐसे ही रवैये के चलते आज इस सरपंच के हौशले बुलंद हो रहे हैं, और सरपंच दिनों दिन हर बड़ी घटनाओं को अंजाम देने लगा है. 

सरपंच शिवप्रसाद बारीक अपने तीन बेटे, जिसमे से एक शासकीय शिक्षक भी है. उनको अपने साथ जाकर राज्यपाल द्वारा सम्मानित और वैदिक प्रवक्ता वासुदेव दास के घर घुसकर उसे मारने की धमकी देता है. जिसकी दर्जोंनों शिकायत अलग-अलग जहग करने पर भी शासन-प्रशासन उसे न्याय दिलाने में अब तक असमर्थ है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि किसी तरह से सांठ-गाँठ कर जांच अधिकारी इसपर कार्रवाई नहीं करते हैं.

कार्रवाई नहीं होने से सरपंच लागातार अपनी दबंगई दिखता है. और इसकी दबंगई बढ़ती जा रही है. वैदिक प्रवक्ता वासुदेव दास ने अपनी एक शिकायत में यह भी बताया कि सरपंच के परिवार वाले उसके मुख्य दरवाजे पर गाड़ी खड़ी कर देते है, और पेशाब कर देते हैं जो कि एक पुजारी के लिए शर्मनाक है.

शिकायतकर्ता ने बताया कि 5 वर्षों से न्याय के दरवाजे पर बार-बार ठोकर खाने के बाद भी वह आज न्याय की आश में हैं.




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