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शादी में आ रही है कोई समस्या तो बृहस्पति के दिन इन उपायों को करना न भूलें

बृहस्पति को देव गुरु कहा जाता है. साथ ही बृहस्पति नौ ग्रहों में से भी एक हैं. कहा जाता है कि अगर आपकी शादी में बार बार रुकावटें आ रही हैं, धन संकट परेशान कर रहा है, शिक्षा में बाधा आ रही है या बार बार प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही है, ऐसे में आपको अपनी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति जरूर दिखा लेनी चाहिए.

ज्योतिष के अनुसार गुरु को बहुत शक्तिशाली ग्रह माना जाता है. गुरु यदि कमजोर हो, तो व्यक्ति के जीवन में उथल पुथल मच जाती है. अगर आपके साथ भी उपरोक्त में से कोई समस्या आ रही है तो आपको गुरुवार के दिन गुरु बृहस्पति से जुड़े कुछ उपाय जरूर कर लेने चाहिए. यहां जानिए इन उपायों के बारे में.

श्री नारायण और माता लक्ष्मी का पूजन करें
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो गुरुवार का दिन भगवान नारायण को समर्पित होता है. ऐसे में जिनका गुरु ग्रह कमजोर हो, उन्हें गुरुवार के दिन भगवान नारायण का माता लक्ष्मी के साथ पूजन करना चाहिए. 

पूजन के दौरान पीले वस्त्र धारण करें और नारायण को गुड़ और चने का भोग लगाएं. पीले रंग का फूल, पीले कपड़े और पीले चन्दन को समर्पित करें. अगर संभव हो तो व्रत रखें और शाम को मीठा खाकर व्रत खोलें. 

अगर व्रत नहीं रख सकते तो आप पूजन करके बृहस्पतिवार की व्रत कथा जरूर पढ़ें या सुनें. केले के पेड़ का पूजन करें और जल दें. माना जाता है कि ऐसा करने से गुरु की स्थिति मजबूत होती है और विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं. साथ ही गुरु से जुड़ी अन्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है.

ये उपाय भी बहुत काम के

– हर गुरुवार को स्नान से पहले अपने पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें. स्नान के बाद ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें.

– गुरुवार को सूर्योदय से पहले उठें. स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. बेसन से बनी किसी मिठाई का भोग लगाएं.

– गुरुवार के दिन पीली वस्तुओं का दान करें जैसे चने की दाल, हल्दी, बेसन, सोना आदि. साथ ही हर गुरुवार को गाय को आटे की लोई में गुड़ और चने रखकर खिलाएं.

– गुरुवार के दिन अगर कोई इस दिन धन मांगने आता है तो धन देने से परहेज करें. इस दिन बाल न काटें, न धोएं, न ही नाखून वगैरह काटें.

– बृहस्पतिवार के दिन आप गुरु मंत्र का जाप करें. आप यहां बताए जा रहे कुछ मंत्रों में से एक मंत्र चुन सकते हैं –

ॐ बृं बृहस्पतये नमः

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:

ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:

ॐ गुं गुरवे नम:

ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:




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