विधायक ने अपने ही कार्यकाल में दो बार कर डाला भूमि पूजन, ऐसा श्रेय और क्यों ! - शौर्य प्रताप सिंह जूदेव
अब स्व. युद्धवीर के लाड़ले शौर्य प्रताप सिंह जूदेव ने जशपुर विधायक को नसीहत दे डाली है। कहा यह है कि जो काम भाजपा शासन काल मे स्वीकृत हुआ, जिसका भूमिपूजन पहले ही हुआ था, उसके बाद कांग्रेस की सरकार आयी तो जशपुर विधायक विनय भगत ने अपने ही कार्यकाल में दो बार भूमि पूजन कर डाला, ऐसा श्रेय और क्यों ! वो एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं, जनता से चुनकर आये हैं, उन्हें जनता ने विधानसभा भेजा है उनके द्वारा ऐसा काम शोभा नहीं देता।
दरअसल कल जशपुर विद्यायक विनय भगत ने सन्ना के पास बह्मनी पुलिया का भूमिपूजन बड़े ही तामझाम से किया, और यह बयान भी दे डाला कि भाजपा शासन में बड़े-बड़े नेता हुए, पर किसी ने यह पुलिया स्वीकृति नहीं कराया, वहीं मैँ दिल्ली से पढ़ा लिखा विधायक चंद समय मे इस पुलिया को स्वीकृत करवा दिया।अब क्या था विधायक की यह बात सामने आई तो शौर्य ने भी तल्ख होते विधायक विनय को नसीहत दे डाली, और यह भी बताया कि भाजपा शासन काल का यह स्वीकृत पुलिया है, जिसका भूमिपूजन तब ही हो चुका था, अब आप भी बार-बार उसका भूमिपूजन किये जा रहे हैं। अच्छा होता कि उस कार्य को पूर्ण कराने की इच्छा शक्ति दिखाते।
दरअसल कल जशपुर विद्यायक विनय भगत ने सन्ना के पास बह्मनी पुलिया का भूमिपूजन बड़े ही तामझाम से किया, और यह बयान भी दे डाला कि भाजपा शासन में बड़े-बड़े नेता हुए, पर किसी ने यह पुलिया स्वीकृति नहीं कराया, वहीं मैँ दिल्ली से पढ़ा लिखा विधायक चंद समय मे इस पुलिया को स्वीकृत करवा दिया।अब क्या था विधायक की यह बात सामने आई तो शौर्य ने भी तल्ख होते विधायक विनय को नसीहत दे डाली, और यह भी बताया कि भाजपा शासन काल का यह स्वीकृत पुलिया है, जिसका भूमिपूजन तब ही हो चुका था, अब आप भी बार-बार उसका भूमिपूजन किये जा रहे हैं। अच्छा होता कि उस कार्य को पूर्ण कराने की इच्छा शक्ति दिखाते।
उधर विधायक विनय के इस कल के तामझाम वाले भूमिपूजन के बाद से ही यह बातें भी शोसल मीडिया वगैरह से पूछी जाने लगी है, जो चर्चा बन चुकी है कि क्या बम्हनी पुलिया का दूसरी बार भूमिपूजन हुआ है। वहीं बातें छन-छन कर यह भी आने लगी है कि, विधायक विनय विधायक बनने के बाद इस पुलिया का भूमिपूजन पहले भी सपत्नीक कर चुके हैं, वहीं इस बार अपने भाई के साथ ताम झाम के साथ कल भी भूमिपूजन किया गया।
वहीं तामझाम को इस बात से भी समझा जा सकता है भूमिपूजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ठेठ नागपुरिया कालाकार्रो जिसमे आरती देवी, श्रीमती चिंता देवी, चंदन दास, पवन कुमार, कलेश्वर, जानम, कमल किशोर, राज केरकेट्टा का कार्यक्रम भी रखा गया था।
वहीं तामझाम को इस बात से भी समझा जा सकता है भूमिपूजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ठेठ नागपुरिया कालाकार्रो जिसमे आरती देवी, श्रीमती चिंता देवी, चंदन दास, पवन कुमार, कलेश्वर, जानम, कमल किशोर, राज केरकेट्टा का कार्यक्रम भी रखा गया था।
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