आज होगा पाकिस्तान में नए प्रधानमंत्री का चयन
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री का चयन सोमवार को होगा, जब नेशनल असेंबली इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद फिर से बैठक करेगी। नेशनल असेंबली की कार्यवाही रविवार तड़के स्थगित कर दी गई। इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल किए जाने वाले पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। संयुक्त विपक्ष ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) अध्यक्ष शहबाज शरीफ को पहले ही अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
नेशनल असेंबली की मैराथन बैठक रविवार तड़के स्थगित कर दी गयी और नए प्रधानमंत्री का चुनाव करने के लिए सोमवार दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होगी। मुल्क के 22वें प्रधानमंत्री खान (69) को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए पद से हटाया गया और वह पाकिस्तान के इतिहास में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाए गए पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन्होंने 18 अगस्त 2018 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उनका 10 अप्रैल 2022 तक 1,332 दिनों का कार्यकाल रहा। ‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार, क्रिकेटर से नेता बने खान तीन साल सात महीने और 23 दिन तक प्रधानमंत्री पद पर रहे, जो महीनों के हिसाब से करीब 43 महीने और 23 दिन का समय है। मौजूदा सदन का कार्यकाल अगस्त 2023 तक का है।
नेशनल असेंबली के इस अहम सत्र की अध्यक्षता कर रहे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अयाज सादिक ने कहा कि नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए नामांकन पत्र रविवार दोपहर दो बजे तक दाखिल किए जा सकते हैं और इनकी जांच दोपहर तीन बजे तक होगी।
342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान समाजवादी, उदारवादी और कट्टर धार्मिक दलों के संयुक्त विपक्ष को 174 सदस्यों का समर्थन मिला था, जो प्रधानमंत्री को सत्ता से बाहर करने के लिए जरूरी संख्याबल यानी 172 से अधिक था। पाकिस्तान के इतिहास में आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के समय इमरान (69) संसद के निचले सदन में मौजूद नहीं थे। उनकी पार्टी के सांसदों ने भी मतदान के दौरान सदन से बहिर्गमन किया। हालांकि, पीटीआई के बागी सदस्य सदन में मौजूद थे और सत्ता पक्ष की सीटों पर बैठे थे। इमरान को हटाए जाने के साथ ही नए प्रधानमंत्री के चुनाव की कवायद शुरू हो गई। खान ‘नया पाकिस्तान’ बनाने का वादा करके 2018 में सत्ता में आए थे। उन्होंने पिछले साल आईएसआई खुफिया एजेंसी के प्रमुख की नियुक्ति को समर्थन देने से इनकार कर दिया था जिसके बाद ऐसा माना जाता है कि उन्होंने शक्तिशाली सेना का समर्थन भी खो दिया था। खान लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को खुफिया प्रमुख बनाए रखना चाहते थे लेकिन सेना के आलाकमान ने पेशावर में कोर कमांडर के तौर पर उनका तबादला कर दिया था।