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पटेवा पुलिस ने रात्रि गस्त के दौरान किया चितल के शिकारियों को गिरफ्तार, हथियार के साथ मृत चितल जप्त.

पटेवा पुलिस ने 21 मई को  रात्रि गस्त के दौरान ग्राम बावनकेरा से चौकबेडा रोड के पास एक मोटरसायकल आ रहे  दो संदिग्ध व्यक्ति को 2 किलोमीटर  तक पीछा कर बावनकेरा मस्जिद जाने का कच्ची मार्ग पर मोटरसायकल टीव्हीएस विक्टर क्रमांक CG 06 GG 5831 को घेराबंदी कर पकड़ा है.

पुलिस ने बतया कि गस्त के दौरान ये पुलिस को देखकर भागने लगे थे, जिनके पास एक जूट की बोरी में कुछ सामान था.

पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान मोटरसायकल  चालक ने अपना नाम मो0 सकील खान पिता जहीब खान उम्र 42 साल एवं पीछे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम जमील खान पिता जलील खान उम्र 48 साल निवासी बावनकेरा का रहना बताये एवं उनके जूट के बोरी में रखे सामान के बारे में पूछने पर गोल मोल जवाब देने लगे.

जिसपर पुलिस संतुष्ट नही होने पर बोरी को खुलवाकर देखा तो बोरी अंदर मृत चितल था, जिसके बारे में कडाई से पूछताछ करने पर आरोपियों ने वन्य प्राणी चितल का शिकार लोहारडीह के जंगल में करना बताये, तथा अपने साथ शिकार में गये एक अन्य मो0सा0 प्लेटिना क्रमांक CG 06 CT 8019 में रूंगु उर्फ नियाजुद्दीन एवं मजीद खान निवासी बावनकेरा को पीछे आना बताये.

घटना की जानकारी तुरंत पुलिस ने महासमुंद वन परिक्षेत्र वन मंडल महासमुंद के रेंजर तोषराम सिंहा के मोबाईल नंबर से संपर्क कर सूचना दिया तो वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा वन परिसर दर्रीपाली एवं जोगीडीपा के फारेस्ट बीट गार्ड दिलीप कुमार यादव एवं चम्पेश्वर साहू को भेजने का आश्वासन दिया.

इसके बाद पुलिस ने पीछे आने वाले अन्य मोटरसायकल  प्लेटिना क्रमांक CG 06 CT 8019 के लिये एम्बुलेंस लगाकर इंतजार किया, जहाँ कुछ समय बाद अन्य एक लाल रंग प्लेटिना क्रमांक CG 06 CT 8019में सवार दो व्यक्ति आये जिसे घेराबंदी कर पकडा गया.

पकड़े गए आरोपी ने अपना नाम रूंगु उर्फ नियाजुद्दीन एवं पीछे बैठा व्यक्ति मजीद खान निवासी बावनकेरा का बताया, जिनके पास हाथ में एक सफेद रंग के प्लास्टिक बोरी का थैला था.

इसी पूछताछ के दौरान बीट गार्ड दिलीप कुमार यादव एवं चम्पेश्वर साहू मौके पर उपस्थित हो गये.  जिन्हे पुलिस ने घटना के बारे में जानकारी देकर मौके पर जूट के बोरी में रखे मृत चितल के शव को गवाहो के समक्ष बरामदगी पंचनामा बनाकर बरामद किया.

पुलिस ने बताया कि मृत चितल के शव को बोरी से बाहर निकालकर निरीक्षण किया, जो एक मादा चितल जिसके गले में बडा सा कट चाकू या छूरी जैसे हथियार से कटा हुआ एवं बांये गले के पास नुकीला छेद जैसे निशान, सिर के उपर एवं पीठ में छिलने जैसे निशान थे. पुलिस ने मादा चितल का उम्र लगभग 04 साल का होना बीट गार्ड द्वारा जानकारी दिया गया.

पुलिस ने बताया कि आरोपियों की तलाशी ली गई तो डिक्की में काला रंग का एक बडा टार्च एवं लकडी के मुठ लगा हुआ लोहे का छुरीनुमा हथियार जिसके फल की लम्बाई करीबन 7.5 इंच, फल की चौड़ाई करीबन 0.8 इंच एवं मुठ की लम्बाई करीबन 4.5 इंच मिला.

पुलिस ने मौके पर मिले मादा चितल का शव, जूट का एक बोरी खून लगा हुआ, टार्च, छुरीनुमा हथियार, लाल रंग का टीव्हीएस विक्टर मो0सा0 क्रमांक CG 06 GG 5831 को मो0 सकील खान एवं जमील खान के संयुक्त कब्जे से विधिवत जप्ती पत्रक तैयार कर पुलिस में लिया गया.

इसी तरह पुलिस ने नियाजुद्दीन एवं मजीद खान निवासी बावनकेरा के पास मिले एक सफेद रंग का प्लास्टिक थैले की तलाशी लेने पर थैला अंदर एक एयरगन जैसा हथियार नाईट विजन दूरबीन लगा, दो स्टील का सेलेंशर पाईप क्रमश: लम्बाई 08 इंच एवं 05 इंच एक पाईप में बीच में वेल्डिंग किया हुआ एवं एक लकडी का मुठ लगा छुरीनुमा हथियार जिसकी फल की लम्बाई करीबन 6 इंच, फल की चौड़ाई करीबन आधा इंच तथा मुठ की लम्बाई करीबन 5.6 इंच तथा एक RAVI कंपनी का प्लास जिसके मुठ में लाल रंग का प्लास्टिक कवर को बरामद किया. तथा प्लेटिना क्रमांक CG 06 CT 8019 को जप्त किया गया.

पुलिस ने बताया कि उक्त प्रकरण में संदेही आरोपियो का कृत्य वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत वन्य परिक्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश कर वन्य प्राणियो का शारीरिक क्षति, वन्य प्राणियो का अवैध शिकार एवं अवैध धनोपार्जन हेतु परिवहन करना पाया गया. जो अपराध धारा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39(1), 49, 50, 51 एवं धारा 25 आर्म्स एक्ट का घटित होना पाया गया. चूंकि मौके पर पाये मृत मादा चितल के शव का मुख्य घटना स्थल की जांच मौका निरीक्षण, मिट्टी परीक्षण, मृत मादा चितल का शव पंचनामा एवं शव परीक्षण बाद शव का डिस्पोजल संबंधित वन विभाग द्वारा कराया जाकर अग्रिम कार्यवाही हेतु घटना स्थल से उपरोक्त चारो आरोपियो को तस्दीकी हेतु जप्त वस्तुओ के साथ थाना हमराह स्टाफ आकर आरोपियो का कृत्य अपराध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39(1), 49, 50, 51 एवं धारा 25 आर्म्स एक्ट का पाया जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया




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