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सामाजिक बदलाव ला रही शासन की सुराजी गांव योजना

वक्त है सामाजिक बदलाव का। संकोची और अंतर्मुखी ग्रामीण महिलाएं अब अपनी लगन और मेहनत से आगे बढ़ रही हैं। उनमें यह सामाजिक बदलाव ला रही है शासन की सुराजी गांव योजना। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम बघेरा में गौ माता स्वसहायता समूह की महिलाओं ने वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के साथ ही बड़े पैमाने पर मुर्गीपालन का कार्य प्रारंभ किया। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने मुर्गीपालन का कार्य किया तथा 1130 नग देशी सोनाली मुर्गियां 2 लाख 40 हजार रूपए में बेची है, इससे समूह को 90 हजार का लाभ हुआ। उत्साहित समूह की महिलाएं दुबारा मुर्गीपालन की तैयारी में जुट गई है।

गौ माता स्वसहायता समूह की अध्यक्ष चौनबाई धुर्वे ने कहा कि मुर्गीपालन से आमदनी बढ़ी तो हौसला मिला है, अब आगे और भी गतिविधियों से जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय से 1 लाख 80 हजार लाभांश राशि मिली है। ईश्वरी मानिकपुरी ने बताया कि बिहान से जुडऩे के बाद आत्मविश्वास बढ़ा है। वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ ही पक्का घर बनवाना चाहती हैं।

दिलेश्वरी ने बताया कि गांव में ही आजीविका का साधन मिल गया है और फायदा मिल रहा है। महेश्वरी ने बताया कि वे दिल्ली घूमने जाना चाहती हैं। राशि जमा होने पर वे दिल्ली जरूर जाएंगी। समूह की शकुन साहू, मीना आदिल, गायत्री धुर्वे, मानसी साहू, आरती साहू ने स्वरोजगारमूलक गतिविधियों को अपनाने से जीवन में आए बदलाव से खुश है।




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