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सरायपाली : शाला प्रवेशोत्सव के आमंत्रण में बीजेपी समर्थित जनप्रतिनिधियों के नाम हटाकर जोड़े गए विधायक के चहेते, श्याम तांडी ने कहा – शिक्षा के मंदिर को बनाया जा रहा राजनैतिक अखाड़ा.

हेमन्त वैष्णव. आरोप है कि शाला प्रवेशोत्सव में प्रोटोकॉल की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है. विद्यालय के प्रवेश उत्सव में बीजेपी समर्थित जनप्रतिनिधियों का नाम हटाये जाने से उनमे नाराजगी है, और सोशल मिडिया में इसका विरोध किया जा रहा है.

शाला प्रवेशोत्सव आयोजन के आमंत्रण पत्र पर बीजेपी समर्थित जनप्रतिनिधियों का हटाए जाने से बीजेपी नेता व जिला पंचायत सदस्य श्याम तांडी ने जिला प्रशासन पर सवाल उठाया है.

श्याम तांडी ने फेसबुक पर शाला प्रवेशोत्सव का आमंत्रण अपलोड करते हुए लिखा है कि सरायपाली ब्लॉक अन्तर्गत ग्राम पंचायत मल्दामाल में शाला प्रवेशोत्सव मनाया जाना है. जिसके लिए ग्राम पंचायत और शाला विकास समिति द्वारा आमंत्रण पत्र भी छपवाया गया है.

16 जून के आमंत्रण में शाला प्रवेशोत्सव के दौरान सरायपाली विधायक किस्मतलाल नन्द को मुख्य अतिथि बनाया गया था, इसमें अध्यक्षता में सरायपाली एसडीएम नम्रता जैन तथा विशिष्ट अतिथियों में कुमारी भास्कर अध्यक्ष जनपद पंचायत सरायपाली, श्याम तांडी सदस्य जिला पंचायत महासमुन्द,  दीपांजली तरुण जनपद सदस्य सरायपाली, अमृत पटेल अध्यक्ष नगरपालिका सरायपाली,  धर्मेन्द्र चौधरी उपाध्यक्ष जनपद पंचायत सरायपाली,  अजय बाघ सरपंच मल्दामाल का नाम है. जिसमे कांग्रेस सहित बीजेपी के नेताओं का भी नाम है.

इसके बाद प्रवेशोत्सव की तिथि को बदलकर 16 से 17 जून कर दिया गया, साथ ही बीजेपी समर्थित जनप्रतिनिधियों का नाम हटाकर इसमें विधायक के चहेतों को शामिल किया गया.

इसमें मुख्य रूप से सरायपाली जनपद पंचायत अध्यक्ष कुमारी भास्कर सहित जिला पंचायत सदस्य श्याम तांडी, सरायपाली नगरपालिका अध्यक्ष अमृत पटेल, उपाध्यक्ष जनपद पंचायत सरायपाली धर्मेंद्र चौधरी का नाम आमंत्रण से हटा दिया गया. वहीँ कांग्रेस पार्टी के नेता और अधिकारी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी छुइपाली बलराज भोई,  विधायक प्रतिनिधि विवेक अग्रवाल,  वरिष्ठ कांग्रेसी एवं जिला प्रवक्ता महासमुन्द महेंद्र बाघ,  मनोरंजन भोई अध्यक्ष शाला प्रबन्धन एवं विकास समिति हायर सेकंडरी स्कूल मल्दामाल, मुकेश तांडी वरिष्ठ कांग्रेसी का नाम जोड़ा गया.

इस आमंत्रण के सामने आने के बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है, बीजेपी नेता सोशल मिडिया में इसका विरोध कर रहे हैं.

श्याम तांडी ने कहा कि किसके इशारे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओ का नाम जोड़कर चुने गए जनप्रतिनिधियों का नाम हटाया गया ? क्या जिला प्रशासन इस पर कोई कार्यवाही करेगी ?

श्याम तांडी ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं का नाम जोड़ना सही है लेकिन जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों का नाम किसके इसारे पर हटाया गया है ? क्या इस प्रोटोकॉल के धज्जिया उड़ाए जाने के बाद इसमें कोई कार्यवाही होगी या फिर इसमें जिला प्रशासन की कोई भूमिका तो नही है ?

श्याम तांडी ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा के मंदिर को राजनीति का अखाड़ा क्यों बनाया जा रहा है ? आने वाले भविष्य हमारे बच्चो को क्या संदेश देना चाहते है यह स्पष्ट होना चाहिए.

वहीँ श्याम तांडी के फेसबुक पोस्ट पर मनीष आचार्य ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह साफ कांग्रेस के विधायक की बौखलाहट है सरायपाली जनता इसकी घोर निंदा करती है शिक्षा एक मंदिर है इसमें राजनीति करना उचित नही.

अजय नंद ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विधायक और उनके कार्यकर्ताओं का राजनीति जोश बढ़ गया है मैं इसकी घोर निंदा करता हूँ.

गुंजन अग्रवाल ने कहा कि मेरे साथ भी ऐसे हो चुका है हाई कोर्ट जाने वाला हूँ.




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