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महासमुंद : भूमि का वास्तविक मालिकाना हक मिलने से जायसवाल और जैन परिवार में आई खुशहाली

महासमुन्द के सुरेन्द्र जायसवाल और रविन्द्र जैन ने शासन के नए प्रावधानों नगरीय क्षेत्र में स्थित 7500 वर्ग फीट भूमि तक अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का लाभ लेते हुए अपने द्वारा किये अतिक्रमण को नियमितीकरण करने के लिए पिछले साल फरवरी माह में 4,38,679 रुपए एवं  रविन्द्र जैन ने 2,19,123 रुपए चालान के माध्यम से जमा कर अपने भू स्वामित्व अधिकार पत्र संसदीय सचिव के हाथों प्राप्त किया था। शासकीय भूमि का वास्तविक मालिकाना हक मिलने से जायसवाल और जैन परिवार में आई खुशहाली। अब तक जिले के नगरीय क्षेत्रों में 58 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 39 लोगों को अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का लाभ मिल चुका है। इससे राजस्व को 3 करोड़ 41 लाख 29 हजार रुपए की राशि प्राप्त हुई है। शेष प्रकरण प्रक्रियाधीन है।

राज्य शासन की यह प्रदेश एवं देश में अनूठी योजना है। सरकार की सोच है कि यदि कोई व्यक्ति नगरीय क्षेत्र में स्थित 7500 वर्ग फीट भूमि तक अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के समय राज्य शासन से भूमि स्वामी हक में भूमि प्राप्त करना चाहता है तो भूमि आबंटन के समय संबंधित व्यक्ति को निर्धारित गाइडलाइन अनुसार राशि जमा कर अतिक्रमण भूमि के विस्थापन योजना का लाभ निर्धारित कीमत पर उठा सकते है। इसके लिए अन्य लोगों को भी आगे आने की जरूरत है। ताकि पात्र लोग भी इस योजना का लाभ अधिक से अधिक उठा सकें।

बतादें कि राज्य शासन के गाईड लाईन के अनुसार केवल थोड़ा सा शुल्क चुकाकर नागरिक अपने पट्टों पर भूमि स्वामी अधिकार प्राप्त कर सकते हैं। राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्र में 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि का आबंटन तथा अतिक्रमित 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदान किया गया है। यदि कोई अतिक्रामक है तो वो भी इसके लिए तय की गई नियत राशि चुकाकर भूमि स्वामी हक प्राप्त कर सकते हैं। भूमि स्वामी हक प्राप्त करने से संपत्ति के विक्रय में, बैंक लोन में, बंटवारा करने तथा अन्य तरह की सभी दिक्कत दूर हो जाएगी। इस तरह के अवसर नागरिकों के समक्ष बहुत कम ही मिलते है, जिन्हें उन्हें खोना नहीं चाहिए। जिले के अनेक नागरिकों ने इसके लिए आवेदन किए हैं और उन्हें भूमि स्वामी अधिकार प्रदान किए जा रहें हैं। इन प्रकरणों पर शीघ्रता से कार्रवाई की जा रही है। यह भूमि स्वामी हक प्राप्त करने के लिए यह अच्छा अवसर है इस अवसर का लाभ नागरिकों को उठाना चाहिए। राजस्व अधिकारियों द्वारा भी जिन लोगों ने भूमि स्वामी हक के लिए आवेदन लगाए हैं उनके मामले तय समय में निराकृत किए जा रहे हैं।

सुरेन्द्र जायसवाल एवं  रविन्द्र जैन ने राज्य शासन के इस महत्वाकांक्षी योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश एवं प्रदेश में पहली बार इस तरह की योजना लागू की गई है। जो काफी सराहनीय है। इस योजना का लाभ अधिक से अधिक अतिक्रामकों को उठाना चाहिए। वास्तविक मालिकाना हक पाकर वे खुश हुए। पूर्व में यह जमीन शासकीय होने के कारण हम इस पर अपना वास्तविक मालिकाना हक नहीं जता पा रहे थे।  जायसवाल और जैन ने कहा कि जमीन का अभिलेख मिलने से हमारी चिंता दूर हो गई है।




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