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आज से छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध...डिस्पोजेबल प्लेटें, गिलास, गुब्बारे-झंडे समेत कई चीजें बैन

देशभर की तरह छत्तीसगढ़ में 1 जुलाई से सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगने जा रहा है। अर्थात यह सामान अब प्रदेश में बनाया या बेचा नहीं जा सकेगा। इनका इस्तेमाल भी पाबंद के दायरे में होगा। 

केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य पर्यावरण संरक्षण मंडल ने प्रदेश के सभी निकायों को प्रतिबंध लागू करने की सूचना दी है। सिंगल यूज प्लास्टिक के तौर पर केंद्र सरकार ने सूची में जिन 20 उत्पादों को प्रतिबंधित की श्रेणी में रखा है, उनमें ईयर बड्स, गुब्बारे, झंडे, प्लास्टिक और थर्मोकॉल की प्लेटें, कप, गिलास, चम्मच, चाकू और स्ट्रा शामिल हैं।

जुलाई से प्रतिबंध लागू होने को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में ऐसे सामान बनाने वाले कारखानों ने उत्पादन समेटना शुरू कर दिया था। यही नहीं, दुकानदार भी पुराना माल ही क्लीयर कर रहे हैं। राज्य में इस प्रतिबंध को सभी निकायों में लागू करने का जिम्मा नगर निगम और जिला पंचायतों को सौंपा गया है।

 उनके साथ जिला प्रशासन और पर्यावरण संरक्षण मंडल की टीम भी रहेगी। शेष|पेज 9 पिछले 3 दिनों से रायपुर नगर निगम द्वारा इसे लेकर सर्किट हाउस में वर्कशॉप आयोजित की जा रही है।

प्रदेश में हर महीने सिंगल यूज कचरा ही 900 टन
छत्तीसगढ़ में हर महीने औसतन 900 टन (डिस्पोजल, पॉलीथिन और अन्य सिंगल यूज उत्पाद) प्लास्टिक कचरा निकल रहा है। घरों से जो कचरा निकल रहा है, एक स्टडी के अनुसार उसमें पाॅलीथिन और सिंगल यूज प्लास्टिक का हिस्सा 30 प्रतिशत तक है। मगर, यह री-सायकिल नहीं हो रहा है।

डिस्पोजेबल, प्लास्टिक बैग की फैक्ट्रियां प्रदेश में बंद
राज्य में डिस्पोजेबल बनाने वाली 10 फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं। जबकि पर्यावरण संरक्षण मंडल के अनुसार राज्य में प्लास्टिक बैग बनाने वाली फैक्ट्री नहीं हैं। मंडल के राज्य पीआरओ अमर सावंत ने बताया कि शुक्रवार को सभी निकायों में इस निर्देश के पालन के लिए कार्रवाई शुरू हो रही है।




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