news-details

दिवाली पर घर और ऑफिस में इस तरह के करें लक्ष्मी पूजन, सालभर मां लक्ष्मी रहेंगी प्रसन्न

 डेस्क। दिवाली प्रकाश का पर्व, बुराई पर अच्छी की जीत का पर्व है। दिवाली का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्य तिथि को मनाया जाता है। दिवाली के मौके पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी पूजा की जाती है। दिवाली के दिन अपने जीवन में सुख समृद्धि बनाए रखने के लिए अपने घर, दुकान, ऑफिस आदि में मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करनी चाहिए। मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए उनकी पूजा पूरे विधि विधान के साथ करनी चाहिए। दुकान, ऑफिस और घर में लक्ष्मी पूजन की अगल विधि है। आइए जानते हैं दिवाली पर लक्ष्मी पूजन की सामग्री, मुहूर्त और मंत्र।

दिवाली पूजा मुहूर्त

दिवाली की शाम प्रदोष काल 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा। इस समय चर चौघड़िया रहेगा जो शाम में 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इसके बाद रोग चौघड़िया लग जाएगा। शाम में मेष लग्न 6 बजकर 53 मिनट तक है। ऐसे में शाम 6 बजकर 53 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट से पहले गृहस्थ जनों को देवी लक्ष्मी की पूजा आरंभ करना शुभ रहेगा।

दिवाली के दिन सुबह के समय अपनी दुकान और ऑफिस को पहले अच्छे से साफ कर लें। उसके बाद रंगोली के रंगों से स्वास्तिक, शुभ लाभ और मां लक्ष्मी के चरण बनाएं। साथ ही मुख्य द्वार पर आम और गेंदे के फूल से बना बंदनवार भी लगाएं।

देहली पर ऊं देहली विनायकाय नम: गन्ंध समर्पयामि मंत्र का जप करते हुए ही मांगलिक चिन्ह बनाएं और द्वार पर थोड़ी रोली भी लगा दें।

इसके बाद ऊं देहली विनायकाय नम: पुष्पाणि समर्पयामि करते हुए पुष्प चढ़ाए।

दिवाली के मौके पर अपने कार्यस्थल के लिए एक नई कलम जरुर लेकर आएं और कलम को गंगाजल से शुद्ध कर उसपर मौली बांध दें।

दिवाली पर व्यापारी वर्ग के लोग नए बहीखातों का शुभारंभ कर सकते हैं। साथ ही नए बहीखातों को गंगाजल से शुद्ध करना न भूलें। इसके बाद उन्हें एक लाल रंग के वस्त्र पर अक्षत और पुष्प डालकर रख दें। इसके बाद पहले पन्ने पर रोली या चंदन से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।

तिजोरी की पूजा भी करें - इसी तरह तिजोरी पर सिंदूर से स्वास्तिक और शुभ लाभ जैसा मांगलिक चिन्ह बनाएं और कुबेर के निम्नलिखित मंत्र का जप करें। इस दौरान हाथ में चावल और पुष्प लेकर कुबेर देवता का आवाहन करें।

मनुज वाहृा विमान स्थितम्, गरुज रत्न निभं निधि नायकम्।
शिव सखं मुकुटादि विभूषितम्
वर गदे दधंत भजे तुन्दिलम्।।
इसी तरह अपने ऑफिस में भी मशीन, कंप्यूटर आदि की पूजा भी करें।
दिवाली पर घर में इस तरह करें पूजा
दिवाली के दिन घर में पूजा करने के लिए सबसे पहले यह जान लें की इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की नई प्रतिमा जरुर लेकर आएं। दिवाली पूजन नई प्रतिमा के साथ ही किया जाता है। अगर आपके पास चांदी के लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा है तो उनपर गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर लें।
सबसे पहले सवाल यह उठता है कि दिवाली पर घर में किस स्थान पर लक्ष्मी पूजन करना चाहिए।
प्रचलित परंपराओं के अनुसार, लक्ष्मी पूजन कोषागर यानी की वह स्थान जहां पर आप अपना धन आदि रखते हैं। इसके अलावा लक्ष्मी पूजन के लिए दूसरा स्थान है आपके घर का पूजास्थल। इसके अलावा आप चाहें तो घर के किसी एक कोने को अच्छे से साफ करके लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उसपर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा स्थापित करने के लिए मंत्र - या सा पद्मासनास्था विपुल-कटि-तटी पद्म-पत्रायताक्षी, गम्भीरार्तव-नाभि: स्तन-भर-नमिता शुभ्र-वस्त्रोत्तरीया, या लक्ष्मीर्दिव्य-रूपैर्मणि-गण-खचितै: स्वापिता हेम-कुम्भै:, सा नित्यं पद्म-हस्ता मम वसतु गृहे सर्व -मांगल्य-युक्ता

इसके अलावा चौकी के पास जल से भरा कलश रखें। कलश के नीचे अक्षत जरूर डालें। इसके ऊर आम के पत्ते और लाल रंग के वस्त्र में नारियल बांधकर रख दें।
कुबेर देवता की पूजा के लिए मां लक्ष्मी की मूर्ति के सामने कांसे की थाल पर रोली से स्वास्तिक बनाकर अक्षत डाल दें फिर उसमें चांदी का सिक्का, गहने, रख दें।
इसके बाद दिप प्रज्वलित कर सभी देवी देवता और नवग्रह का आव्हान करें। सबसे पहले भगवान गणेश को चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं। मां लक्ष्मी की मूर्ति दक्षिणावर्ती शंख में जल और पंचामृत डालकर अभिषेक करें।
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने के लिए सामग्री हल्दी, सिंदूर, मेहंदी, अक्षत, पान, सुपारी, कमल का फूल, कलावा, फल, मिठाई, खील बताशे, खीर, पीली कौड़ी, गन्ना, नारियल आदि।




अन्य सम्बंधित खबरें