
नवरात्रि का तीसरा दिन, आज मां चंद्रघंटा की पूजा,जानें मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि की तीसरी शक्ति है मां चंद्रघंटा. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. इन्हें पापों की विनाशिनी कहा जाता है. मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की उपासना से साहसी और पराक्रमी बनने का वरदान मिलता है.
दुर्गा का तीसरा रूप हैं मां चंद्रघंटा. युद्ध मुद्रा में सिंह पर विराजमान मां चंद्रघंटा के इनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, धनुष व गदा धारण हैं. इनके माथे पर घंटे के आकार में अर्द्ध चंद्र विराजमान है, इसलिए ये चंद्रघंटा कहलाती हैं.मां चंद्रघंटा तंभ साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती है और ज्योतिष में इनका संबंध मंगल ग्रह से होता है. शास्त्रों के अनुसार, मां चंद्रघंटा ने राक्षसों के संहार के लिए अवतार लिया था।
चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि शुरू – 23 मार्च 2023, शाम 06.20
चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि समाप्त – 24 मार्च 2023, शाम 04.5
अमृत काल मुहूर्त – सुबह 06.24 – सुबह 07.57
अभिजित मुहूर्त – दोपहर 12.03 – दोपहर 12.52
सर्वार्थ सिद्धि योग – सुबह 06.21 – दोपहर 01.22
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि ((Maa Chandraghanta Puja vidhi)
मां चंद्रघंटा की पूजा में लाल और नारंगी रंग का अधिक प्रयोग करें. नवरात्रि के तीसरे दिन मणिपुर चक्र पर “रं” अक्षर का जाप करने से मणिपुर चक्र मजबूत होता है. इससे मंगल के अशुभ प्रभाव में कमी आती है. माता रानी को लाल चंदन, लाल चुनरी, लाल फूल और लाल फल(सेब) अर्पित करें. देवी दुर्गा के हर रुप को विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है. मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं और फिर देवी की आरती करें।
मां चंद्रघंटा का मंत्र (Maa Chandraghanta Mantra)
ऐं श्रीं शक्तयै नम:
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
मां चंद्रघंटा के उपाय (Maa Chandraghanta Upay)
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के समक्ष एक छोटे लाल वस्त्र में लौंग, पान, सुपारी रखकर मां के चरणों में चढ़ाएं और देवी के नवार्ण मंत्र का 108 बार जाप करें. मां चंद्रघंटा के बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. अगले दिन ये लाल पोटली सुरक्षित स्थान पर रख दें. जब भी किसी शुभ कार्य के लिए जाएं या फिर कोर्ट कचहेरी से संबंधित मामलों से जुड़ा कोई कार्य हो तो इस पोटली को साथ रखे.
चैत्र नवरात्रि की तीसरी शक्ति है मां चंद्रघंटा. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. इन्हें पापों की विनाशिनी कहा जाता है. मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की उपासना से साहसी और पराक्रमी बनने का वरदान मिलता है.दुर्गा का तीसरा रूप हैं मां चंद्रघंटा. युद्ध मुद्रा में सिंह पर विराजमान मां चंद्रघंटा के इनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, धनुष व गदा धारण हैं. इनके माथे पर घंटे के आकार में अर्द्ध चंद्र विराजमान है, इसलिए ये चंद्रघंटा कहलाती हैं.मां चंद्रघंटा तंभ साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती है और ज्योतिष में इनका संबंध मंगल ग्रह से होता है. शास्त्रों के अनुसार, मां चंद्रघंटा ने राक्षसों के संहार के लिए अवतार लिया था।
चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि शुरू – 23 मार्च 2023, शाम 06.20
चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि समाप्त – 24 मार्च 2023, शाम 04.59
अमृत काल मुहूर्त – सुबह 06.24 – सुबह 07.57
अभिजित मुहूर्त – दोपहर 12.03 – दोपहर 12.52
सर्वार्थ सिद्धि योग – सुबह 06.21 – दोपहर 01.22
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि ((Maa Chandraghanta Puja vidhi)
मां चंद्रघंटा की पूजा में लाल और नारंगी रंग का अधिक प्रयोग करें. नवरात्रि के तीसरे दिन मणिपुर चक्र पर “रं” अक्षर का जाप करने से मणिपुर चक्र मजबूत होता है. इससे मंगल के अशुभ प्रभाव में कमी आती है. माता रानी को लाल चंदन, लाल चुनरी, लाल फूल और लाल फल(सेब) अर्पित करें. देवी दुर्गा के हर रुप को विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है. मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं और फिर देवी की आरती करें।
मां चंद्रघंटा का मंत्र (Maa Chandraghanta Mantra)
ऐं श्रीं शक्तयै नम:
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
मां चंद्रघंटा के उपाय (Maa Chandraghanta Upay)
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के समक्ष एक छोटे लाल वस्त्र में लौंग, पान, सुपारी रखकर मां के चरणों में चढ़ाएं और देवी के नवार्ण मंत्र का 108 बार जाप करें. मां चंद्रघंटा के बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. अगले दिन ये लाल पोटली सुरक्षित स्थान पर रख दें. जब भी किसी शुभ कार्य के लिए जाएं या फिर कोर्ट कचहेरी से संबंधित मामलों से जुड़ा कोई कार्य हो तो इस पोटली को साथ रखे.

छत्तीसगढ़ प्रदेश एन एच एम कर्मचारियों द्वारा नियमितीकरण को लेकर योगेश्वर राजू सिन्हा विधायक महासमुन्द को ज्ञापन सौपा गया. महासमुन्द दिनांक 12 मई 2025 छत्तीसगढ़ प्रदेश एन एच एम कर्मचारी संघ विगत 20 वर्षो से समस्याओं से जूझ रहे 16 हजार संविदा कर्मचारी दूरस्थ अंचलो में सिमित संसाधनों के बावजूद सतत रूप से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे है. कोविड महामारी के समय भी जान से जोखिम में डाल कर सेवाएं दिये है. 12 अप्रेल 2025 को एन एच एम को स्थापित हुये 20 वर्ष पूर्ण हो चुके है.संविदा कर्मचारी जाब की असुरक्षा, अल्प वेतन, बीमा पेंशन, अनुकम्पा जैसी समाजिक आर्थिक सुरक्षा से वंचित है, देश के विभिन्न राज्यों में जैसे मणिपुर, तमिलनाडू, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हिमांचल प्रदेश, आदि में एन एच एम कर्मचारियों के हित में सकारात्मक निर्णय लिए है. छत्तीसगढ़ में भी तत्काल नीति गत निर्णय लिए जाने की आवश्यकता है. छत्तीसगढ़ में एन एच एम कर्मचारी संघ निम्न लिखित मांगो को लेकर आपसे निवेदन किया है. सविलियन एवं स्थाईकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, ग्रेड पे निर्धारण,कार्यमूल्यांकन सी आर ब्यवस्था में पारदर्शिता, लंबित 27 प्रतिशत वेतन बृद्धि, नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण, अनुकम्पा न्युक्ति, मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा, स्थानांतरण नीति, न्यूनतम 10 लाख तक कैशलेश चिकित्सा बीमा सुविधा. समय पर नियमित वेतन की भुगतान आदि मांगो को लेकर माननीय श्री योगेश्वर राजू सिन्हा विधायक महासमुन्द जी को उनके निवास पर भेट किया गया. प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित मिरी, हेमंत सिन्हा, कौशलेद्र तिवारी, डॉ रवि दीक्षित, पूरन सिँह के मार्गदर्शन और महासमुंद एन एच एम जिला इकाई से जिला अध्यक्ष राम गोपाल खूंटे, देव कुमार ड़ड़सेना, आदि साथी मिलकर मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौपा गया.
जिला महासमुंद