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छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू का कहर: 3 और मिले मरीज, अबतक 96 से अधिक मिले पॉजिटिव केस, 5 की मौत

रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू का कहर जारी है। शुक्रवार को दुर्ग में 3 नए मरीजों के सामने आने के बाद अब जिले पीड़ितों की संख्या 23 पहुंच गई है। इसमें से 19 का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। जिले में मरीजों की बढ़ती संख्या को देख स्वास्थ्य विभाग के हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।

यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग को ओर से चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज में 30-30 बेड का दो वार्ड बनाया गया है। वहीं जिला चिकित्सालय में भी 10 बेड का एक आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। जिला स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को पदमनगर भिलाई-तीन, कैंप- एक भिलाई और कोहका भिलाई में स्वाइन फ्लू के एक-एक मरीज मिले हैं। इन्हें इलाज के लिए एनएचएमएमआइ रायपुर में भर्ती कराया गया है।

बता दें कि, जिले में 10 से 30 अगस्त तक 23 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से चार मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। शेष मरीजों में दो का जुनवानी भिलाई और दो का इलाज चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज कचांदुर में चल रहा है। शेष मरीज रायपुर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं।

बालोद में भी मिली पीड़िता

शुक्रवार को स्वाइन फ्लू के तीसरे मरीज की पहचान हुई है, जिनका इलाज रायपुर में चल रहा है। जिला मुख्यालय के वार्ड-2 रेलवे कालोनी निवासी हरिश्चंद्र गुप्ता का स्वाइन फ्लू रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। बीएमओ डा. जितेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी होते ही मरीज के घर मे दस्तक दी। इसके पूर्व दल्लीराजहरा नगर के वार्ड-चार की एक 66 वर्षीय महिला और चिखलाकसा के वार्ड-पांच निवासी महिला की स्वाइन फ्लू की रिपोर्ट पाजिटिव आई थी।

बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से एक महिला की मौत

गौरतलब है कि, बिलासपुर में भी स्वाइन फ्लू का प्रकोप जारी है। मौजूदा समय में स्वाइन फ्लू से एक महिला की मौत का मामला सामने आया है।

20 मरीजों का चल रहा इलाज

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में अब तक 5 मरीजों की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है। वहीं अब तक स्वाइन फ्लू के 96 से अधिक पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इसमें करीब 20 मरीजों का इलाज चल रहा है। स्वाइन फ्लू के मरीज शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में करवा रहे हैं।


स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही है सर्वे

मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने रोकथाम टीम को एक्टिव कर दिया है। बिलासपुर जिले की स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्र में पहुंच कर घर-घर सर्वे करने के साथ मरीज ढूंढने का काम कर रही है। लक्षण मिलने वाले मरीजों का स्वाइन फ्लू टेस्ट सैंपल लिया जा रहा है। इस दौरान सीएमएचओ डॉ प्रभात श्रीवास्तव ने लोगों से कहा कि विभागीय गाइडलाइन का पालन करने की सलाह दी है ताकि स्वाइन फ्लू के मामलों को कंट्रोल किया जा सके।

सरकार फंड जारी करे फंड - पूर्व MLA सैलेश पांडे

स्वाइन फ्लू को लेकर बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेश पाण्डेय ने कहा है कि स्वाइन फ्लू पर बिलासपुर का हाल बहुत ही बुरा है। जिले में एक मौत भी हुई है। अब तक पांच मौतें हो चुकी हैं।

''सरकार के लापरवाही के कारण डायरिया भी फैला था। अब स्वाइन फ्लू भी कहर बरपा रहा है। सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही वो इसको लेकर फंड जारी करे और बीमारियों की रोकथाम करे।

किसे कहते हैं स्वाइन फ्लू

स्वाइन फ्लू H1N1 इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है, जो मूल रूप से सूअरों को संक्रमित करता है। इनके संपर्क में आने से संक्रमण इंसानों को भी फैल जाता है। इसके साथ ही कोई स्वाइन प्लू से पीड़ित मरीज खांसता या छींकता है, तो हवा में श्वसन बूंद के जरिए यह दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है। इस वजह से दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। इसके अलावा वायरस से संक्रमित वस्तुओं को छूने से भी संक्रमण हो सकता है। स्वाइन फ्लू वायरस से संक्रमित व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो सकता है या मरीज की जान भी जा सकती है। इसलिए स्वाइन फ्लू से सावधान और सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

ऐसे लोग रहें ज्यादा सावधान

इस श्रेणी में 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को पहले रखा गया है। इसके बाद 5 साल से कम उम्र के छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं को रखा गया है। इसके साथ ही अस्थमा, कैंसर, हृदय रोग, सांस की समस्या, मधुमेह रोग जैसी पुरानी बीमारी वाले व्यक्तियों को भी स्वाइन फ्लू संक्रमण से ग्रसित होने का अत्यधिक खतरा बना रहता है।







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