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बसना : आडिटरो को जीपीएफ पासबुक दिये जाना लिपिक साबित नही कर पाया, डीईओ ने किया निलंबित

बीईओ कार्यालय बसना का एक प्रधानपाठक ने स्वयं के सामान्य भविष्य निधि खाते से ऋणात्मक लाखो रूपये आहरित किया है। आरोप है कि मूल जीपीएफ पासबुक को लिपिक ने बगैर पावती लिये प्रधानपाठक को दिये है। जबकि लिपिक के अनुसार उसने आडिटरो को सौंपा है। लेकिन लिपिक इसे प्रमाणित कर नही पाया। जांच पडताल के बाद जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द ने लिपिक को निलंबित कर दिया है।


बता दे कि आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने सूचना दस्तावेज प्राप्त करके लिपिक विनय कुमार मिश्रा के विरूद्व विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ एवं डीईओ महासमुन्द को प्रमाण सहित शिकायत किया था। बीईओ कार्यालय बसना के अन्तर्गत महेन्द्र कुमार महापात्र के द्वारा स्वयं के जीपीएफ खाते से 39 बार ऋणात्मक शेषराशि 16,21,472/- का आहरण किया गया है। इस प्रकरण में स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय में उच्च स्तरीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।


सूचना दस्तावेज से जानकारी मिला कि वर्ष 2018 में लिपिक विनय कुमार मिश्रा बीईओ कार्यालय बसना में पदस्थ थे, तब इन्होने तात्कालीन बीईओ के मौखिक आदेश से महेन्द्र कुमार महापात्र को उनका जीपीएफ खाता दिया था। लेकिन श्री महापात्र से उस पासबुक का पावती प्रति नही लिया।


शिकायत की जांच के लिए जांचकर्ता अधिकारी उग्रसेन पटेल प्राचार्य को नियुक्त किया गया। जांचकर्ता अधिकारी ने समस्त तथ्यो का जांच कर सभी का बयान दर्ज करके अभिमत सहित प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द को 02 मई 2024 को प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है कि विनय कुमार मिश्रा ने माह अप्रैल-मई 2018 में महेन्द्र कुमार महापात्र का जीपीएफ पासबुक को महालेखाकार रायपुर के आडिट दल को दिये जाने का बताया। लेकिन इस संबंध में कोई भी पुख्ता प्रमाण प्रस्तुत नही कर पाया।

 
        जांचकर्ता अधिकारी के प्रस्तुत प्रतिवेदन के बाबजूद डीईओ महासमुन्द के द्वारा कार्यवाही नही किये जाने पर आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने विनय लंगेह कलेक्टर महासमुन्द को शिकायत किया।


डीईओ महासमुन्द ने लिपिक का स्पष्टीकरण जबाब संतोषप्रद नही होने एवं महेन्द्र कुमार महापात्र के मूल जीपीएफ पासबुक आडिटरो को दिये जाने का कथन प्रमाणित नही होने व महेन्द्र कुमार महापात्र को दिये जाने की आशंका प्रतीत होने के कारण विनय कुमार मिश्रा शासकीय हाईस्कूल देवरी विकासखण्ड बसना का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) 1966 के नियम-9 के तहत प्रतिकूल होने से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

विनय मिश्रा का मुख्यालय शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक शाला बसना में रहेगा। निलंबन अवधि में इन्हे जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।





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