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बसना : रामचंडी गढ़ फुलझर क्षेत्र को पर्यटन के रूप मे विकसित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने गढ़फुलझर मे सर्व समाज मंगल भवन के लिए 50 लाख रूपये की घोषणा की।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रामचंडी मंदिर पहुंच कर पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।

उड़ीसा और छतीसगढ़ को जोड़ने वाली सड़क को भी बेहतर बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बसना विकासखंड के गढ़फुलझर में बाबा बिसाशहे कुल कोलता समाज द्वारा आयोजित बाबा बिसाशहे कुल कोलता समाज वार्षिक स्नेह सम्मेलन व बंधु मिलन कार्यक्रम में पहुंचे। और पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की।

उनके साथ छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल, ओ.पी. चौधरी, बसना विधायक सम्पत अग्रवाल भी हेलीपेड पहुंचे।

हेलीपेड मे महासमुंद सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा,समाज के अध्यक्ष गिरधारी साहू तथा अन्य जनप्रतिनिधि एवं समाज प्रमुखों ने मुख्यमंत्री का पुष्प गुच्छ देकर आत्मीय स्वागत किया।


कार्यक्रम मे सरायपाली विधायक  चतुरीनंद, पूर्व सांसद चुन्नी लाल साहू, पूर्व राज्य मंत्री पुनम चंद्राकर सहित समाज के पदाधिकारी, सदस्य और बड़ी संख्या मे श्रद्धांलु गण मौजूद थे।


इस अवसर पर उन्होंने कोलता समाज को बधाई देते हुए कहा कि यह एक ऐसा समाज है, जो एक बड़े वर्ग को अपने साथ लेकर चलता है। यह समाज भारतीय समाज, संस्कृति एवं परंपरा को लेकर चलने वाला समाज है, क्योंकि इस समाज के अधिकांश लोग खेती-किसानी करने वाले लोग हैं। मुख्यमंत्री का हुलहुली बजाकर स्वागत किया गया।

उन्होंने कहा कि ओडिशा की संस्कृति प्राचीन संस्कृति है और छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से इस राज्य से जुड़ा है। दोनों प्रदेश के लोगों का रोटी-बेटी का संबंध है। दोनों के अचार-विचार मिलते हैं।

इस अवसर पर बसना विधायक सम्पत अग्रवाल ने कहा कि रनेश्वर रामचंडी मदिर सिद्ध मंदिर है। यहाँ जो भी मन्नत मांगी जाती है पूरी होती है। यह क्षेत्र आदिवासी राजा का गढ़ रहा है। उन्होंने इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने और कोरिडोर बनाने की मांग की है।

पदमपुर से गढ़ुफुलझर सड़क को क़ृषि महाविद्यालय खोलने सर्व जन मंगल भवन, 100 बिस्तर अस्पताल, बसना मे ट्रामा सेंटर, अधूरे जोक परियोजना, फुलवारी ग्राम को राजस्व रेकार्ड मे दर्ज करने की मांग उनके द्वारा की गई।

सांसद रूपकुमारी चौधरी ने कहा कि यहां मौजूद होना सौभाग्य की बात है। इस अवसर उन्होंने पर उड़ीसा और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली सड़क के उन्नयन की मांग की।

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री साय 21 क्विंटल धन्यवाद खरीदी, बोनस देने वाले,18 लाख गरीब को आवास देने , 9 लाख ,25 हजार गरीबो को पहला किश्त दिया गया।70 लाख दीदी मन को हर माह एक हजार दे रहे है। ऐसे मुख्यमंत्री का अभिनन्दन है।

प्रभारी मंत्री दयाल दास बघेल ने सभी समाज के लिए सर्व मंगल भवन के लिए घोषणा के लिए अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कोलता समाज द्वारा आयोजित गरिमामय कार्यक्रम मे शामिल होना सौभाग्य की बात है।आज रामचंडी दिवस और शरद पूर्णिमा की बहुत बधाई।।। सौभाग्य है कि आप सबका दर्शन लाभ लेने आये है। भगवान रामचंडी से सब की खुशहाली कि कामना की है। यह समाज बड़ा शिक्षित, समृद्ध है। जो दूसरे समाज को प्रेरणा देने वाला समाज है। कृषक समाज है। मोदी जी की गारंटी के अनुरूप हम काम कर रहे है। 13 लाख परिवार को तेंदुपतता संग्रहण का लाभ मिल रहा है।रामलला दर्शन योजना से लाखो श्रद्धांलुओं को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि समाज उत्तोतर विकास करे यही कामना है।युवा नशा के खिलाफ भी जागरूक हो। उन्होंने सभी को शाशकीय योजना का लाभ लेने आह्वान भी किया। कहा कि समाज के सभी वर्ग सामने आये।

मान्यता है कि प्रभु श्रीराम जी द्वारा रावण से रण में विजय पाने हेतु देवी की 9 दिन तक देवी की उपासना की गई थी। राम साधक के रूप के कठोर साधना कर चंडी को प्रसन्न किये, उनसे विजयी होने का आशीर्वाद प्राप्त किया। उसी समय से देवी के उस स्वरुप का नाम रनेश्वर रामचंडी पड़ा। माता रनेश्वर रामचंडी बाबा बिशा सहे कोलता समाज की कुल देवी के रूप में फुलझर के गढ़ में प्रतिष्ठित हैं। जहाँ एक और राजा तालाब और एक और रानी तालाब है। यहाँ आदिवासी भैना राजा का राज्य था. जिन्होंने गुरु नानक देव जी को 4 एकड़ भूमि देकर एवं गांव का नाम नानक सागर कर सम्मानित किया। सन 2004 में रनेश्वर रामचंडी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई। तब से प्रत्येक वर्ष रामचंडी दिवस का आयोजन धूमधाम से होता हैं। यह आयोजन का 20वा वर्ष है। छत्तीसगढ़ में 306, गांव में कोलता समाज निवासरत है। जिसे 4 अंचल में विभाजित किया गया है, जिसके अंतर्गत 30 शाखा सभा आते हैं, प्रत्येक 100, व्यक्ति में एक ग्राम प्रतिनिधि होते हैं. कोलता समाज प्रमुख रूप से क़ृषि कार्य करते हैं. सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और परंपरा तथा जड़ से जुड़े रहने वाले होते हैं। शिक्षा के प्रति विशेष आग्रह रखने वाले, धार्मिक तथा सेवाभावी होते हैं।

रामचंडी दिवस में छत्तीसगढ़ के 8 तथा ओड़िसा के 12 जिले के लोग उपस्थित होते होते हैं. इस कार्यक्रम में कोलता समाज के अलावा अन्य समाज के लोग भी उपस्थित होते हैं। यह पर्व और माता का यह स्वरुप शक्ति और मर्यादा का समन्वित रूप है।




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