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बसना : एक पंचायत में 02 सचिव, जिला पंचायत का आदेश कचरे के ढेर में।

ग्राम पंचायत के कई सचिवो द्वारा जिला पंचायत महासमुन्द से जारी आदेश का पालन नही कर रहे है। बल्कि वे आदेश अवहेलना करके अपने कर्तव्य के प्रति उदासीनता बरत रहे है। इसके बाद भी जिला पंचायत महासमुन्द के जिम्मेदार अधिकारी भी कार्यवाही करने के बजाय सचिवो पर मेहरबान है।

ऐसा ही मामला प्रकाश में तब आया, जब आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने गिधली पंचायत से सूचना दस्तावेज की मांग किया तो वहां 02 अलग अलग सचिव ने दस्तावेज शुल्क के लिए पत्र लिखा। इस अजूबे को खंगालने पर पता चला है कि एक सचिव का तबादला का आदेश जारी हो चुका है। लेकिन वो अंगद की पैर की भाति जमा हुआ है। जबकि दूसरे सचिव ने भी उच्चाधिकारी के आदेश से उसी ग्राम पंचायत में एक तरफा कार्यभार ग्रहण किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बसना ब्लाक के ग्राम पंचायत गिधली में 02 सचिव अभी पदस्थ है। सतीश साहू का गिधली पंचायत से तबादला 03 नवम्बर 2024 को जिला पंचायत महासमुन्द के आदेश से किया गया है। वही जयंत बारीक को अतिरिक्त प्रभार गिधली का दिया गया है। जिला पंचायत के आदेश के परिपालन में जनपद पंचायत बसना ने भी 04 सितम्बर 2024 को इन्हे आदेश जारी किया है। इसके बाबजूद सतीश साहू ने जयंत बारीक को प्रभार नही सौंपा है। जिस कारण से जयंत बारीक ने बिना अभिलेख पाये एक तरफा प्रभार लिया। इसकी जानकारी सीईओ जपं बसना को दिया है।


सूत्रो के अनुसार सतीश साहू इस आशा में ग्राम पंचायत गिधली को तबादला होने के बाद भी नही छोड रहे है, कही जिला पंचायत महासमुन्द के अधिकारी दरियादिली निभाते हुए इस आदेश को संशोधित करके निरस्त कर देंगे। वैसे भी महासमुन्द जिला पंचायत के कई किस्से चर्चे में है।

यहां बताना जरूरी है कि प्रत्येक सचिव को अपने नियोक्ता एवं नियंत्रक अधिकारी के आदेश का पालन करना अनिवार्य है। लेकिन इस जिले में तो जिला पंचायत महासमुन्द के आदेश का भी कोई अहमियत नही है। इसके बाबजूद सचिवो के विरूद्व कठोर कार्यवाही नही करने से ऐसी पुनर्रावृत्ति करने का नई परम्परा शुरू हो चुका है।




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