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CG : खुलेआम मनमानी कीमतों में बेची जा रही शराब, आंख मूंदे बैठे अधिकारी

कोंडागांव। दुर्गुकोंदल की अंग्रेजी शराब दुकान में खुलेआम तयशुदा कीमत से ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं। साथ ही गांव-गांव में कोचियों के जरिए शराब की अवैध सप्लाई जारी है। इस पूरे खेल में आबकारी विभाग आँख मूंदे बैठा है। दुकानदारों को विभाग का पूरा संरक्षण मिलने के आरोप हैं, जिसके चलते कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।


विवाद का वीडियो भी सोशल मीडिया पर हुआ वायरल


हाल ही में शराब दुकान के मैनेजर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें वह नशे में दिखाई दे रहा है। वीडियो में वोदका के क्वार्टर पर 20 रुपए अतिरिक्त लेने पर ग्राहक से विवाद करते दिखा। ग्राहक ने प्रिंट रेट 180 रुपए था, लेकिन उससे 200 रुपए वसूल किए। इस तरह की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। ग्राहकों का कहना है कि अधिक मूल्य वसूली पर सवाल उठाने पर सेल्समैन द्वारा गाली-गलौज और अभद्रता की जाती है।



शनिवार को हुए विवाद का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ, लेकिन अधिकारियों ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। शिकायत करने के बावजूद मामले को जानबूझकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। शराब दुकान से गांव-गांव कोचियों के माध्यम से शराब भेजी जा रही है। इससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। लोगों ने शराब दुकान के मैनेजर और सेल्समैन को हटाने की मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांवों में शराब की बढ़ती उपलब्धता से सामाजिक माहौल पर बुरा असर पड़ रहा है।


शिकायतों के बाद भी विभाग है मौन


रोजाना दर्जनों शिकायतों के बावजूद आबकारी विभाग कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। लोगों का आरोप है कि जांच का नाटक किया जाता है, लेकिन सच्चाई बाहर नहीं आने दी जाती। नीचे से ऊपर तक कमीशन का खेल चलने की बातें भी कही जा रही है, जिसके चलते मामला दबा दिया जाता है। लोगों ने आबकारी विभाग के प्रबंध निदेशक श्याम लाल धावड़े से भी शिकायत की, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।


शराब में मिलावट की भी आशंका


शराब में पानी मिलाने की भी शिकायतें सामने आई हैं। चारामा निवासी एक युवक का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने बोतल में पानी मिलने की बात कही थी। आरोप है कि यह मिलावट खासकर सस्ते और ज्यादा बिकने वाले ब्रांड में की जाती है, ताकि मुनाफा बढ़ाया जा सके। ग्राहकों का कहना है कि उन्हें नकली और मिलावटी शराब परोसी जा रही है।


डर के चलते खुलकर नहीं बोलते पीड़ित


कई बार मदिरा प्रेमी बदनामी न हो, इसलिए खुलकर सामने नहीं आते। यही कारण है कि शिकायतें मौखिक रह जाती हैं और विभाग इन्हें गंभीरता से नहीं लेता। अधिकारी खुद मैनेजर और कर्मचारियों को बचाते नजर आते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि दुकान पर ओवर रेटिंग बंद हो। कोचियों के जरिए गांवों में सप्लाई पर रोक लगे और दोषी कर्मचारियों को तत्काल हटाया जाए। साथ ही शराब की गुणवत्ता की जांच कर मिलावट पर सत कार्रवाई की जाए।


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