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KCC पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, करोड़ों किसानों को मिलता रहेगा सस्ता लोन, फसलों के एमएसपी में भी बढ़ोतरी

देश के लाखों किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए शॉर्ट टर्म लोन मिलता रहेगा. बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) को जारी रखने की बुधवार को मंजूरी दे दी. इसके तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से सस्ती दर पर शॉर्ट टर्म लोन मिलता है। 


सरकारी खजाने पर 15,640 करोड़ रुपये का बोझ


सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए MISS को मौजूदा 1.5% ब्याज सहायता के साथ जारी रखने का निर्णय मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया है. योजना को जारी रखने से सरकारी खजाने पर 15,640 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.


क्या है MISS


एमआईएसएस एक केंद्र सरकार की योजना है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि KCC के माध्यम से सस्ती ब्याज दर पर किसानों को शॉर्ट टर्म लोन उपलब्ध कराया जाएगा. एमआईएसएस के तहत किसानों को केसीसी के माध्यम से 7% की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म लोन मिलता है, जिसमें पात्र लोन देने वाली संस्थाओं को 1.5% ब्याज सहायता दी जाती है.


वक्त पर कर्ज चुकाने वाले किसानों प्रोत्साहन राशि


केसीसी के जरिए लोन लेने का फायदा यह है कि समय पर कर्ज चुकाने वाले किसान शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (PRI) के रूप में 3% तक की प्रोत्साहन राशि के लिए पात्र होते हैं. इससे केसीसी लोन पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से कम हो कर 4% रह जाती है. केवल पशुपालन या मत्स्य पालन के लोन पर ब्याज लाभ 2 लाख रुपये तक हो सकता है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, योजना की संरचना या अन्य हिस्सों में कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं किया गया है। 


भारत में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते


भारत में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते हैं. केसीसी के माध्यम से इंस्टीट्यूशनल लोन डिस्ट्रीब्यूशन 2014 के 4.26 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर, 2024 तक 10.05 लाख करोड़ रुपये हो गया. समग्र एग्रीकल्चर लोन फ्लो भी 2013-14 के 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 25.49 लाख करोड़ रुपये हो गया। 





सरकार ने किसानों को सौगात देते हुए, एमएसपी में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है।  केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। पिछले 10-11 वर्षों में खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में भारी बढ़ोतरी की गई है। खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के लिए एमएसपी को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई है। कुल राशि लगभग 2,07,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।


 फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी


सरकार ने बुधवार को 2025-26 खरीफ विपणन सत्र के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3 प्रतिशत बढ़ाकर 2,369 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने इस संबंध में निर्णय लिया। आगामी फसल वर्ष 2025-26 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र के लिए सामान्य और ए ग्रेड धान की किस्मों का समर्थन मूल्य 69 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर क्रमश: 2,369 रुपये और 2,389 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। 


दालों में अरहर का समर्थन मूल्य 450 रुपये बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि उड़द का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 7,800 रुपये प्रति क्विंटल और मूंग का एमएसपी 86 रुपये बढ़ाकर 8768 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। 


सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि नाइजरसीड के लिए की गई है, इसके बाद रागी, कपास और तिल का स्थान आता है।


2025-26 के लिए खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की बात कही गई है।





फसल MSP 2024-25 (₹/क्विंटल) MSP 2025-26 (₹/क्विंटल) MSP वृद्धि (₹)

धान (सामान्य) 2,300 2,369 69

धान (A ग्रेड) 2,320 2,389 69

ज्वार (हाईब्रिड) 3,371 3,699 328

ज्वार (मालदांडी) 3,421 3,749 328

बाजरा 2,625 2,775 150

रागी 4,290 4,886 596

मक्का 2,225 2,400 175

तुअर/अरहर 7,550 8,000 450

मूंग 8,682 8,768 86

उड़द 7,400 7,800 400

मूंगफली 6,783 7,263 480

सूरजमुखी 7,280 7,721 441

सोयाबीन 4,892 5,328 436

तिल 9,267 9,846 579

रामतिल 8,717 9,537 820

कपास (मिडिल स्टेपल) 7,121 7,710 589

कपास (लॉन्ग) 7,521 8,110 589


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