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महासमुंद : डॉक्टरों की लापरवाही से प्रसव के बाद महिला की मौत

प्रसव के बाद डॉक्टरों की लापरवाही से एक 22 वर्षीय महिला की मौत हो गई है।श्रेयांश हॉस्पिटल के डॉक्टरों के लापरवाही के चलते मासूम बच्ची के सिर से मां का साया उठ गया है। डॉक्टरों ने मौत की घटना को छुपाने का प्रयास किया। मौत होने के घंटों बाद रेफर करने का नाटक किया। परिजनों ने बॉडी में कोई हलचल नहीं होते देख डॉक्टरों की मंशा जाना। बिना पोस्टमार्टम किए बिना लाश को परिजनों के हवाले कर दिया गया। डॉक्टर पैसे की लालच में हैवान बन गए हैं। आयुष्मान कार्ड में इलाज के बाद मरीज के परिजनों 13600 की राशि खर्च कराया है।


हम आपको बता दें कि महासमुंद शहर के नजदीकी ग्राम मोंगरा निवासी विमला कन्नौजे की 22 वर्षीय पुत्री तुलेश्वरी कन्नौजे जिसकी शादी ठीक 15 माह पूर्व रायपुर जिले के आरंग ब्लॉक के ग्राम बोरिद निवासी होमन कन्नौजे के साथ हुई थी। जिसकी मौत आरंग स्थित श्रेयांश हॉस्पिटल में डॉक्टरों की लापरहवी की वजह से हो गई है। 


मृतिका तुलेश्वरी कन्नौजे के पति होमन कन्नौजे ने बताया कि 13 और 14 मई की दरम्यानी रात तुलेश्वरी कन्नौजे उम्र 22 साल को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने पैसे के लालच में बिना किसी सुविधा के महिला का सीजर ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन उपरांत तुलेश्वरी ने एक स्वस्थ नवजात बच्ची को जन्म दिया। 14 मई तारीख को पूरा दिन तुलेश्वरी कन्नौजे असहनीय दर्द से जूझती रही। दर्ज से जूझ रही महिला के शरीर में कई तरह से इन्फेक्शन दिखने लगे थे, जिसकी शिकायत श्रेयांश हॉस्पिटल के डॉक्टरों और नर्सों से तुलेश्वरी कन्नौजे के पति और परिजन करते रहे। डॉक्टरों ने बिना किसी तरह के इलाज किए परिजनों से कहते रहे कि प्रसव के बाद यह सब नार्मल है, जल्दी ठीक हो जाएगी। डॉक्टरों की लापरवाही का इंतहा तब हो गया जब पूरा दिन दर्द से तड़पते महिला ने 14 और 15 मई की दरम्यानी रात्रि में लगभग 1.30 बजे दम तोड़ दिया था।महिला का पूरा शरीर ठंडा हो चुका था। तब श्रेयांश हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने अपनी करनी पर पर्दा डालते हुए लगभग सुबह तीन बजे 15 मई को दूसरे हॉस्पिटल रायपुर भेजने के लिए रेफर कर दिया और खुद एक एंबुलेंस की व्यवस्था भी कर दी। तुलेश्वरी कन्नौजे की मां विमला कन्नौजे ने तुलेश्वरी के शरीर को छुआ जो पूरी तरह ठंडा पड़ चुका था। मतलब तुलेश्वरी कन्नौजे की मौत हो चुकी थी। जिसे डॉक्टरों ने रायपुर रेफर कर दिया था, इसे देखकर विमला जोर जोर से चिल्ला चिल्लाकर रोने लगी और डॉक्टरों की करतूत देखकर विमला ने डॉक्टरों को चिल्लाना शुरु कर दिया था। उस वक्त 15 मई की सुबह 3 बज रहे थे। 


विमला कन्नौजे बेटी की मौत से बदहवास डॉक्टरों से बोलती रही आखिर क्यों झूठ बोला जा रहा था, जब तुलेश्वरी की मौत हो चुकी थी तो सीधा बताते, दूसरे हॉस्पिटल में रेफर करने का नाटक क्यों की जा रहा था। विमला कन्नौजे के इन सवालों का जवाब नहीं था। इसी बीच श्रेयांश हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने तत्काल मामले को रफा दफा करने के लिए मृत महिला के पति के कोरे कागज पर दस्खत करवाए और अस्पताल के अन्य कुछ कागजों में जो अंग्रेजी में लिखे हुए थे उन फार्म ने हस्ताक्षर करवा लिए। 



हॉस्पिटल प्रबंधन अपनी करनी को छूपाने के लिए पूरी तरह से पूरी कागजी कार्रवाई कर ली। सुबह 3.20 बजे के लगभग मृतिका के जेठ और अन्य परिजन हॉस्पिटल पहुंच गए। जवान बहु की मौत की खबर ने पूरे परिवार को गहरी शोक में डूबो दिया था। पति होमन कन्नौजे का रो रो कर बुरा हाल था। परिजन कुछ समझते इससे पहले सुबह के लगभग 3.30 बजे 15 मई को श्रेयांश हॉस्पिटल ने बॉडी को बोरिद ग्राम पहुंचवाने की व्यवस्था कर परिजनों को चलता कर दिया था।


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