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ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद मोदी में लगाया सिंदूर के पेड़, जाने क्या है इसकी विशेषता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास के बगीचे में एक सिंदूर का पौधा लगाकर की। प्रधानमंत्री के इस कदम को ऑपरेशन सिंदूर के अपार सफलता से प्रतीकात्मक तौर पर जोड़कर देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री को ये पौधा उनके गुजरात दौरे पर 1971 के युद्ध के दौरान उल्लेखनीय साहस दिखाने वाली महिलाओं के एक समूह ने तोहफे में दिया था, जिसे आज प्रधानमंत्री ने स्वयं अपने हाथों से रोपा।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पर लिखा “1971 के युद्ध में साहस और पराक्रम की अद्भुत मिसाल पेश करने वाली कच्छ की वीरांगना माताओं-बहनों ने हाल ही में गुजरात के दौरे पर मुझे सिंदूर का पौधा भेंट किया था। विश्व पर्यावरण दिवस पर आज मुझे उस पौधे को नई दिल्ली के प्रधानमंत्री आवास में लगाने का सौभाग्य मिला है। यह पौधा हमारे देश की नारीशक्ति के शौर्य और प्रेरणा का सशक्त प्रतीक बना रहेगा।”

जिसके बाद से गूगल पर सिंदूर के पेड़ के बारे में लोगों ने जानकारी इकट्ठा करना शुरु किया। आइये जानते हैं क्या है सिंदूर का पेड़।

क्या है सिंदूर का पेड़?

देश में हर सुहागन स्त्री के लिए सिंदूर सबसे महत्वपूर्ण श्रृंगार माना जाता है। यूं तो आज बाजारों में केमिकल युक्त सिंदूर मिलते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंदूर पेड़ पर कैसे भी उगता है? इसे सिंदूर या कुमकुम का पेड़ कहा जाता है, अंग्रेजी में इसके कई नाम हैं जैसे बिक्सा ओरेलाना, लिपस्टिक ट्री, कमाल ट्री आदि। इस पौधे पर गुच्छों में फल लगते हैं जिनके ऊपर नर्म कांटे होते हैं जो चुभते नहीं हैं। हरे रंग के ये फल पकने के बाद लाल हो जाते हैं और पकने के बाद तोड़ने पर अंदर से छोटे छोटे लाल रंग के बीज निकलते हैं। इस बीजों को अगर उंगली से दबाया जाये तो लाल रंग निकलता है जो कि सिंदूर होता है। इन बीजों को सुखाकर पीसा जाए तो ये सिंदूर का पाउडर तैयार मिल जायेगा।

कहां से आया ये पेड़?

हालांकि सिंदूर का पेड़ भारत का ही मूल है या बाहर से आया है इस पर संशय है लेकिन भारत में पुरातात्विक खोजों में अनगिनत जगहों पर मांग में सिंदूर लगाये महिलाओं की आकृतियां मिली हैं, जो 5,000 से भी अधिक वर्ष पुरानी हैं। आयुर्वेद के अनुसार, सिंदूर महिलाओं के लिए स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। पारंपरिक तौर पर हल्दी और चूने को मिलाकर भी सिंदूर बनाया जाता रहा है। बोटैनिकल तौर पर मानें तो सिंदूर का पेड़, जिसे बिक्सा ओरेलाना नाम से भी जाना जाता है, मध्य और दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है। भारत में कई जगहों पर सिंदूर का पेड़ पाया जाता है, खास तौर पर उष्णकटिबंधीय क्षेत्र (tropical region) में सिंदूर के पेड़ खूब फलते हैं।

घर में लगाना रहेगा ठीक?

सिंदूर के पोड़ को घर में लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है, न केवल इसे सिंदूर की प्राप्ति होती है बल्कि इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसे एक शुभ प्रतीक भी माना जाता है जिससे घर में शांति आती है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार सिंदूर का पेड़ घर में वास्तु दोष को भी ठीक करता है। सावन के महीने में सिंदूर का पेड़ लगाने का खास महत्व है, माना जाता है इससे परिवार में बरकत आती है। इसे आप बगीचे या गमले में लगा सकते हैं, गमले में लगाने पर पेड़ की ऊंचाई कम रहेगी, बगीचे में लगाने पर ये 25-30 फुट तक ऊंचा हो सकता है। इसका इस्तेमाल सिंदूर बनाने के अलावा खाने का रंग और लाल स्याही बनाने में भी होता है।


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