
CG : रेत खनन में बैगा बच्चों से कराई जा रही मजदूरी, बाल अधिकारों का हो रहा खुला उल्लंघन, शिक्षा से दूर हो रहे मासूम
बिलासपुर। जिले की ग्राम पंचायत टाटीधार और आसपास के इलाकों में अवैध रेत खनन का एक और अमानवीय पहलू सामने आया है, जहां बैगा जनजाति के 7 से 14 वर्ष तक के मासूम बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है। इन बच्चों से ट्रैक्टर चालकों और ठेकेदारों द्वारा रेत ढुलाई का शारीरिक श्रम लिया जा रहा है, जिससे वे न सिर्फ शिक्षा से वंचित हो रहे हैं, बल्कि बालश्रम निषेध कानून का भी खुला उल्लंघन हो रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, बैगा जनजाति के नाबालिक बच्चों को मामूली पैसों का लालच देकर स्कूल से दूर किया जा रहा है, जिससे उनका भविष्य अंधेरे में जा रहा है। ये बेहद ही गंभीर विषय है बल्कि इन बच्चों के भविष्य को लेकर जिला कलेक्टर और बाल कल्याण समिति को इन बच्चों की पहचान करते हुए उन्हें शिक्षा से जोड़े जाने की जरूरत है ताकि इनका भविष्य अंधकारमय न हो सके और बालश्रम कराने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए और बैगा समुदाय के परिवारों को वैकल्पिक और सम्मानजनक आजीविका के साधन उपलब्ध कराए जाएं।
आपको बता दें कि भारत में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी कराना कानूनन अपराध है और इसके लिए नियोक्ताओं को जेल व जुर्माने की सजा हो सकती है। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन समय रहते इन मासूमों को उनका बचपन और शिक्षा का हक लौटा पाएगा या यह मामला भी फाइलों में ही दबकर रह जाएगा ?