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महासमुंद : डायरिया रोकथाम हेतु जिले में स्टॉप डायरिया कैम्पेन 2025 का हुआ शुभारंभ

जिले में 0 से 5 वर्ष के बच्चों में डायरिया से होने वाली मृत्यु को रोकने एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से स्टॉप डायरिया कैम्पेन 2025 का शुभारंभ आज शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, महासमुंद से किया गया। यह विशेष अभियान 16 जून से 31 जुलाई 2025 तक संचालित किया जाएगा। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. कुदेशिया के मार्गदर्शन में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वी.पी. सिंह एवं जिला नोडल अधिकारी डॉ. अरविन्द गुप्ता की उपस्थिति में किया गया।

कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में डायरिया की रोकथाम हेतु व्यापक जन जागरूकता एवं त्वरित उपचार सुनिश्चित करना है। इस अभियान के अंतर्गत 0-5 वर्ष तक के बच्चों वाले घरों की सूची तैयार कर मितानिनों द्वारा घर-घर भ्रमण किया जाएगा। प्रत्येक घर में एक ओआरएस पैकेट वितरित किया जाएगा, वहीं डायरिया प्रभावित परिवारों को 2 ओआरएस पैकेट एवं 14 जिंक की गोलियां प्रदान की जाएंगी। भ्रमण के दौरान मितानिनें ओआरएस घोल बनाने की विधि, हाथ धोने की सही प्रक्रिया एवं जिंक के सही उपयोग की जानकारी भी देंगी। डायरिया में जिंक की उपयोग विधि - 02 से 06 माह के बच्चों को आधी गोली (10 मि.ग्रा.) और 06 माह से 05 वर्ष के बच्चों को 01 गोली (20 मि.ग्रा.) दी जाएगी। यह गोली 14 दिनों तक चम्मच में माँ के दूध या साफ पानी के साथ दी जाएगी।

अभियान की प्रभावी निगरानी हेतु जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर मानिटरिंग टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें स्वास्थ्य संस्थानों, स्कूलों एवं आंगनबाड़ियों में भ्रमण कर जागरूकता गतिविधियों का निरीक्षण करेंगी। साथ ही, आरबीएसके दलों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य परीक्षण एवं जागरूकता कार्य किए जाएंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. कुदेशिया ने आमजन से अपील की है कि वे अपने 0-5 वर्ष के बच्चों के साथ नजदीकी स्कूलों या आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर ओआरएस घोल बनाने, हाथ धुलाई की तकनीक और जिंक की उपयोग विधि संबंधी जानकारी प्राप्त करें और इन उपायों को दैनिक जीवन में अपनाएं, जिससे डायरिया एवं अन्य संक्रामक बीमारियों से बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके।


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