
CG : खाद्य पदार्थों पर पैकेजिंग मैटेरियल का कितना असर, जांच के लिए भेजे गए सैंपल
राजनांदगांव। जिले में स्थानीय स्तर पर बनने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता ही नहीं बल्कि उसकी पैकिंग में रहने के बाद खाद्य पदार्थ पर पड़ने वाले असर को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग विशेष अभियान चला रहा है। इस अभियान के तहत जिले भर के अलग-अलग जगह से पैकेजिंग फूड के सैंपल लिए जा रहे हैं और इस सैंपल को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण एफएसएसएआई की लैब राजस्थान भेजा जा रहा है।
जिले में नमकीन फैक्ट्री से लेकर पानी पाउच, पानी बोतल, कोल्ड ड्रिंक, तोष, बिस्किट की दर्जनों फैक्ट्रियां हैं। इन फैक्ट्री में खाद्य गुणवत्ता की जांच समय-समय पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के माध्यम से की जाती है, लेकिन इस नए अभियान में फैक्ट्री के द्वारा अपने पैकेट बंद खाद्य पदार्थों के एक्सपायरी डेट के समीप तक पैकेट में बंद रहने के दौरान खाद्य की गुणवत्ता पर कितना प्रभाव पड़ा इसके लिए भी खाद्य सुरक्षा विभाग सतर्क दिखाई दे रहा है। विभाग के द्वारा पैकेट बंद और बोतल बंद खाद्य पदार्थों की जांच का सिलसिला शुरू किया गया है।
जिले के फैक्ट्री में निर्मित पैकेट बंद खाद्य पदार्थ रिटेल काउंटर पर धूप, गर्मी के बीच रखे रहते हैं, ऐसे में पैकेट पर लिखी एक्सपायरी डेट तक खाद्य की गुणवत्ता खराब होती है, लेकिन ग्राहक केवल पैकेजिंग डेट देखकर खाद्य पदार्थों का सेवन कर लेते हैं,जो कभी-कभी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी होता है। विभाग के इस अभियान से नमकीन की झिल्लियों, प्लास्टिक की बोतल, ढक्कन, पानी पाउच की झिल्ली खाद्य पदार्थ पर कितना असर डालती है यह जांच से सामने आएगा। जिले में संचालित कई फूड प्रोडक्ट फैक्ट्री के द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से एफएसएसएआई का प्रमाण पत्र ले लिया जाता है, लेकिन प्रोडक्ट की जांच नहीं हो पाती है। ऐसे में अब खाद्य सुरक्षा विभाग सीधे एफएसएसएआई को ही प्रोडक्ट की जांच के लिए भेज रहा है ।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने जिले के कुछ नामी फैक्ट्रियों के नमकीन, पानी बॉटल, बच्चों के न्यूट्रिशन सप्लीमेंट्स, मिल्क पाउडर सहित दर्जन भर खाद्य पदार्थों को विशेष जांच परीक्षण के लिए एफएसएसएआई के लैब राजस्थान भेजा है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी डोमेन्द्र ध्रुव ने बताया कि जो लोकल फैक्ट्री के पैकेजिंग मैटेरियल है इसकी क्वालिटी टेस्टिंग के लिए एफएसएसएआई की क्वालिटी टेस्टिंग लैब भेजा जा रहा है, ताकि यह देखा जा सके की इन खाद्य पदार्थ पर पैकेजिंग मैटेरियल का प्रभाव किस स्तर का होता है। उन्होंने बताया कि पैकेजिंग मैटेरियल की क्वालिटी टेस्टिंग के लिए जिले से 10 अलग-अलग सैंपल भेजे गए हैं ।