
बसना पूर्व बीईओ ने की वरिष्ठ अधिकारी के आदेश की अवहेलना, वर्तमान बीईओ भी मौन।
अधिकारी-कर्मचारी गजब की जुगाड बना कर रखे है। जानबूझकर प्रशासकीय कार्य में लापरवाही बरत रहे है। एक प्रकरण में आरोप की पुष्टि होने के बाद चेतावनी पत्र जारी तो कर दिये, लेकिन 07 वर्ष बाद भी इस चेतावनी पत्र को कर्मचारी के सेवा पुस्तिका में दर्ज नही किया गया है। मामला बीईओ कार्यालय बसना का है। बहरहाल आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने बताया कि इस मामले की लिखित शिकायत साक्ष्य सहित ऋतुराज रघुवंशी आइएएस संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छ.ग. में किया जायेगा।
मालूम हो कि पूर्णानन्द मिश्रा वर्तमान में विकासखण्ड स्रोत्र केन्द्र समन्वयक (बीआरसी) बसना के पद में है। वर्ष 2018 में जब ये संकुल समन्वयक थे। संकुल स्रोत्र केन्द्र गिधली में। तब वाटशप ग्रुप में विवादित पोस्ट किये थे। जिस संबंध में सीईओ जिपं महासमुन्द ने तात्कालीन बसना बीईओ से प्रतिवेदन मंगाया, प्रतिवेदन के आधार से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
ऋतुराज रघुवंशी आइएएस तात्कालीन सीईओ जिपं ने 06 जून 2018 को चेतावनी पत्र जारी किया। जिसमें उल्लेख किया है कि पूर्णानन्द मिश्रा ने उच्च अधिकारियो के निर्देशो का पालन नही किया एवं बहस किया, समय पर विभागीय जानकारी प्रस्तुत नही किया तथा वाटशप ग्रुप में उक्तानुसार संदेश भेजना आदि कर्तव्य के निर्वहन में घोर उदासीनता, लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता बरती गई है। पूर्णानन्द मिश्रा के द्वारा शासकीय कार्य में उदासीनता, लापरवाही, एवं स्वेच्छाचारिता बरतने के कारण इन्हे चेतावनी पत्र जारी की गई है। यदि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति होगी तो, इनके विरूद्व छ.ग. पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 के तहत कडी अनुशासनात्मक कार्यवाही भी किया जायेगा।
बताना जरूरी है कि बसना बीआरसी नियुक्ति के दौरान जब जिला प्रशासन ने इनकी सेवा पुस्तिका के आधार बीईओ बसना से प्रतिवेदन मांगा तो इस चेतावनी पत्र का बगैर उल्लेख किये सेवा पुस्तिका के अनुसार बसना बीईओ जे0 आर0 डहरिया ने प्रतिवेदन भेजा। जिससे पूर्णानन्द मिश्रा को बीआरसी नियुक्ति के दौरान लाभ मिला।