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2030 तक भारत में हर तीसरी गाड़ी होगी EV? स्क्रैपिंग रूल में बड़ा बदलाव

नीति आयोग ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट 'Unlocking a $200 Billion Opportunity: Electric Vehicles in India' जारी की है, जिसमें भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संभावनाओं और उनकी भूमिका का गहराई से विश्लेषण किया गया है। इस रिपोर्ट का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विकास में रुकावटों को दूर करना और EV क्षेत्र में गति लाने के लिए उपायों का सुझाव देना है।

रिपोर्ट का विमोचन नीति आयोग के सदस्य श्री राजीव गौबा द्वारा किया गया, जिसमें नीति आयोग के CEO श्री बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम, भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव श्री कामरान रिजवी, और अन्य उच्च अधिकारी भी मौजूद थे। रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2030 तक बेचे जाने वाले कुल वाहनों में 30% हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक वाहनों की हासिल करने का लक्ष्य रखता है।

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 2016 के 50,000 यूनिट से बढ़कर 2024 में 20.8 लाख तक पहुंच गई है। वहीं, वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 2016 में 9.18 लाख से बढ़कर 2024 में 1.87 करोड़ हो गया है, जो EV सेक्टर में तेजी से हो रहे विस्तार को दर्शाता है। हालांकि भारत में EV की शुरुआत धीमी रही, लेकिन वर्तमान में यह तेजी से विकसित हो रहा है और भारत की EV बिक्री अब वैश्विक हिस्सेदारी का एक बड़ा हिस्सा बन चुकी है।

रिपोर्ट में सात विशेष सम्मेलनों और हितधारक परामर्शों के आधार पर कई उपाय सुझाए गए हैं, जिनसे भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा मिल सके। नीति आयोग का कहना है कि यह रिपोर्ट EV क्षेत्र में सुधार के लिए एक खाका प्रस्तुत करती है और इसे बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।

नीति आयोग के सदस्य श्री राजीव गौबा ने कहा, "भारत स्वच्छ गतिशीलता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रास्ते पर है। यह रिपोर्ट उस बदलाव को गति देने के लिए आवश्यक नीतिगत सिफारिशें और समाधान प्रदान करती है।"


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