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महासमुंद : सड़क पर दौड़ रहे ओवरलोड वाहन, एंट्री लेकर परिवहन विभाग देता है छुट !

छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटना और उसमें गंभीर रूप से घायल तथा मौत की अत्यंत दुखद खबरें लागातार सामने आती है. जिसे देखते हुए राज्य के कई जिलों में नो हेलमेट नो पेट्रोल  का अभियान लागू किया जा रहा है. इसके लिए पेट्रोल पंप एसोसिएशन खुद ज्ञापन देते हुए सामने आ रहे हैं. बताया जाता है अधिकतर दो-पहिया वाहन चालकों हेलमेट नहीं पहनते जिसके कारण दुर्घटना होने पर उन्हें सर में गंभीर चोट लगने मौत होती है. वहीँ राज्य का परिवहन विभाग बाकायदा ओवरलोड वाहन से एंट्री लेकर उन्हें सड़कों पर बेलगाम दौड़ाने देता है, जिससे सड़कों पर हादसे होने की संभावना बढ़ जाती है.

परिवहन विभाग के एंट्री का यह खेल छोटे नहीं बल्कि बहोत बड़े स्तर पर खेला जा रहा है, रायपुर से सरायपाली तक अगर ओवरलोड गाड़ी चलानी है तो आपको नदी मोड़ में खड़े परिवहन विभाग के अधिकारीयों को 1000 रुपये महीना देना होता है, इसके बाद परिवहन विभाग के खड़े कर्मचारी आपको एक पन्ने में हरे कलर के पेन से गाड़ी नंबर के साथ तिथि लिख देते हैं, जिसके बाद 1 महीने के लिए ओवरलोड वाहन को खुले आम सड़क पर दौडाने की छुट मिल जाती है. इतना ही नहीं अगर आप बिना ओवरलोड के ट्रांसपोर्टिंग का कार्य कर रहे तब भी आपको 500 रुपये की अवैध एंट्री देनी होती है. यह एंट्री केवल आरंग से सरायपाली तक के लिए वैध होती है, जबकि रायपुर और नया रायपुर में वाहन चलाने के लिए अलग से 200 से 500 रूपए की एंट्री देनी होती है.  

जानकारी के अनुसार रोजाना सैकडों वाहन क्षमता से अधिक मात्रा में रायपुर से सरायपाली की ओर से व्यवसायिक सामान भर कर आते हैं, ओवरलोड वाहनों के चलने से सड़कों पर हादसे होने की संभावना बढ़ रही है. लेकिन विभागीय अधिकारी कार्रवाई करने के बजाये एंट्री लेकर इनके हौसले बुलंद कर रहे हैं. परिवहन विभाग के अधिकारी कर्मचारी सड़क पर लोगों की सुरक्षा बढ़ाना छोड़ अवैध वसूली के कार्य में जुटे हैं, जिससे सडकों पर असुरक्षा का वातावरण बन रहा है.

वहीँ इन सडकों से गुजरने वाली यात्री बस में भी आप अवैध रूप से प्रेशर हार्न देख सकते हैं, जिसपर परिवहन विभाग कभी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, ये बसें सरायपाली, बसना नगर में जब प्रवेश करते हैं तेज रफ्तार के साथ प्रेशर हार्न बजाते हैं, जिससे ना केवल सड़क पर जा रहे लोग बल्कि घरों के भीतर भी रह लोग सहम जाते हैं. मतलब लोग सड़क और घर कहीं भी सुरक्षित नहीं है. बसें भी क्षमता से अधिक सवारी ढोने के कारण आए दिन लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं. लेकिन विभाग इन ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा हैं.

इस कारनामे से परिवहन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को तो लाखों रुपए की आमदनी होती हैं, लेकिन सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लग रहा हैं. जो कि विकास कार्यों में खर्च हो सकते हैं. ऐसा भी हो सकता हैं इस एंट्री का एक हिस्सा नीचे से लेकर ऊपर के अधिकारी और बड़े नेताओं तक पहुँच रहे हो तभी तो एंट्री का यह खेल खुले आम खेला जा रहा है. जिसमे केवल आम जनता ही बेवकूफ बन रही है.


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