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डीएफओ महासमुंद के निर्देशानुसार संपन्न हुई पर्यावरण संरक्षण यात्रा

वन विभाग महासमुंद के डीएफओ मयंक पांडेय के निर्देश पर एक विशेष “पर्यावरण संरक्षण यात्रा” का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना और लोगों को वन एवं पारंपरिक खेती के महत्व से अवगत कराना था।

इस यात्रा का नेतृत्व योगेश कुमार बढ़ाई (निवासी मोहगांव) ने किया। उनके नेतृत्व में टीम ने पर्यावरणीय संवेदनशीलता और सामुदायिक सहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में सुनील केरकेट्टा, दामो,शिवो एव महिला समूह के सदस्यों ने विशेष सहयोग प्रदान किया। इन सभी ने ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर उन्हें पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न उपायों से अवगत कराया।

पर्यावरण यात्रा लेलेया, कुनै और सरगुजा क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में आयोजित की गई। इन स्थलों पर प्रतिभागियों ने पौधों, जंगलों और स्थानीय पारिस्थितिकी का निरीक्षण किया तथा वहां की खेती व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

यात्रा के दौरान ग्रामीणों से चर्चा में यह बात सामने आई कि यहां के किसान टाउ, कोदो, कुटकी जैसी पारंपरिक फसलों की खेती करते हैं। ये फसलें न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी हैं। इन फसलों को बचाने और बढ़ावा देने की दिशा में सुझाव दिए गए।

यात्रा के दौरान “पर्यावरण बचाना बहुत जरूरी है” विषय पर विशेष चर्चा की गई।

प्रतिभागियों ने कहा कि पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं — ये हमें स्वच्छ वायु, जल संतुलन और जीवन प्रदान करते हैं। सभी ने मिलकर शपथ ली कि वे पेड़ों की रक्षा करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।

इस अवसर पर वन परिक्षेत्र अधिकारी बसना एस. आर. निराला तथा वन परिक्षेत्र अधिकारी पिथौरा श्री सालिक राम डडसेना ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि  ऐसी यात्राएँ समाज में पर्यावरणीय चेतना जागृत करती हैं और लोगों को प्रकृति से जोड़ती हैं।

दोनों अधिकारियों ने कार्यक्रम की सफलता पर नेतृत्वकर्ता योगेश कुमार बढ़ाई एवं उनकी टीम को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं तथा इसके पूर्व उड़ीसा के पाइकमाल, संबलपुर, बलांगगीर, डेब्रिगढ़ मे संपन्न हुआ है और भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रखने का आग्रह किया।

इस यात्रा ने यह संदेश दिया कि प्रकृति की रक्षा करना ही मानवता की सच्ची सेवा है।

सभी प्रतिभागी उत्साह और नए संकल्प के साथ लौटे — कि हर व्यक्ति अपने स्तर पर पर्यावरण की रक्षा करेगा और वृक्षारोपण को जीवन का हिस्सा बनाएगा।


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