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महासमुंद जिले में 26 औषधि प्रतिष्ठानों पर की गई कार्रवाई, 12 की अनुज्ञप्ति निलंबित, पर्ची के बिना इन दवा को न बेचने के सख्त निर्देश

खाद्य एवं औषधि प्रशासन के निर्देशानुसार तथा कलेक्टर विनय कुमार लंगेह द्वारा जिला स्तरीय नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर बैठक में दिए गए निर्देशों के पालन में औषधि प्रशासन महासमुंद द्वारा जिलेभर में औषधि प्रतिष्ठानों पर जांच एवं कार्रवाई की गई है।

उपसंचालक डॉ. आई. नागेश्वर राव एवं सहायक औषधि नियंत्रक तृप्ति जैन के मार्गदर्शन में वर्ष 2025 में 01 जनवरी से 29 अक्टूबर 2025 तक जिले के सभी पांच विकासखंडों महासमुंद, बागबाहरा, पिथौरा, बसना एवं सरायपाली में संचालित औषधि प्रतिष्ठानों से कुल 59 औषधि नमूने संकलित किए गए। इनमें से 33 नमूने मानक, 01 नमूना अवमानक पाया गया है, जबकि 25 नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त होना शेष है।

साथ ही औषधि प्रतिष्ठानों के औषधि क्रय-विक्रय, अभिलेख एवं रजिस्टर की गहन जांच की गई। जांच के दौरान औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के प्रावधानों का उल्लंघन पाए जाने पर कुल 26 औषधि प्रतिष्ठानों पर कार्यवाही की गई है। इनमें से स्वापक एवं मनः प्रभावी औषधियों के क्रय-विक्रय में अनियमितता के कारण 12 औषधि प्रतिष्ठानों की अनुज्ञप्ति निलंबित की गई। 03 प्रतिष्ठानों की अनुज्ञप्ति निरस्त की गई, 02 प्रतिष्ठानों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर कार्यवाही प्रचलन में है।इसके अलावा अन्य उल्लंघनों के चलते 06 प्रतिष्ठानों की अनुज्ञप्ति निलंबित, 02 को चेतावनी पत्र जारी तथा 01 प्रतिष्ठान के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी कर जांच जारी है।

औषधि प्रशासन ने सभी मेडिकल संचालकों को चिकित्सक की पर्ची के बिना स्वापक एवं मनः प्रभावी दवाएं तथा कफ सिरप न बेचने के सख्त निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित प्रतिष्ठानों के विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।


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