
नशा-मुक्ति कार्यशाला में हुए विभिन्न आयोजन स्कूली बच्चों ने गीत गाए, कविताएं लिखीं, निबंध व स्लोगन प्रतियोगिता में भाग लिया
महासमुंद, 26 अगस्त 2019/समाज में अपनी अलग पहचान और स्थान बनाने की चाह में अक्सर किशोर और युवा सिगरेट और आधुनिक गांजा चिलम- जिसे ज्वाइंट कहा जाता है, चपेट में आते जा रहे हैं। नशे के इस अभिशाप से नई पीढ़ी को दूर रखने सरस्वती शिशु मंदिर बसना के बच्चों से स्वास्थ्य विभाग के सामाजिक कार्यकर्ता व सलाहकार असीम श्रीवास्तव ने कहा कि हीरोपंती नशा करने में नहीं बल्कि नशा छोड़ने में है। अगर, आप कुछ कर दिखाना चाहते हैं तो, नशा छोड़ कर नशा मुक्त विद्यालय परिसर बना कर दिखाएं, आप अपने-आप असल जिंदगी के हीरो बन जाएंगे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में नशा-मुक्ति के विषय पर विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपना हुनर दिखाया। जहां एक ओर कक्षा दसवीं के छात्रों ने नशा-मुक्ति गीत के माध्यम से प्रेरक प्रस्तुति दी, वहीं दूसरी ओर मनोवैज्ञानिक सलाहकार श्रीमती मेघा ताम्रकार ने निबंध व स्लोगन प्ररियोगिता में विजयी रहे छात्र आशीष साव को प्रथम एवं कु. श्रुति और खुशी अग्रवाल को क्रमशः द्वितीय व तृतीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि उक्त जागरूकता कार्यशाला स्वास्थ्य
विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार के निर्देशानुसार गैर
संचारी रोग विभाग के नोडल अधिकारी डॉ.अनिरुद्ध कसार के मार्गदर्शन में आज
को उच्च.माध्य.विद्यालय सरस्वती शिशु मंदिर बसना आयोजित की गई, जिसमें कुल
206 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। विशेषकर प्राचार्य श्री रमेश कर एवं
व्याख्याता श्री हर प्रसाद जायसवाल एवं श्री आजाद भोई ने व्यवस्था कार्य
में सराहनीय सहयोग दिया। इस अवसर पर कु. जागृति साहू ने तंबाकू युक्त
पदार्थों के सेवन से होने वाले जानलेवा दुष्प्रभाव की तकनीकी जानकारी दी।
साथ ही शिक्षकों को कोटपा एक्ट 2003 संबंधी तकनीकी जानकारी देकर विद्यालय
को जल्द से जल्द तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाने की अपील की।