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पैसे लेकर देते थे BA, MA सहित कई कोर्स की डिग्री, इतने रूपये में बनाते थे फर्जी मार्कशीट

लखनऊ के गोमतीनगर में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने वाले इंटर-स्टेट गिरोह का खुलासा किया है। गोमतीनगर पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी साल 2021 से फर्जी डिग्री तैयार कर बेच रहे थे। गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों तक फैला हुआ था। पकड़े गए आरोपियों की पहचान अयोध्या के पूरा कलंदर निवासी सत्येंद्र द्विवेदी, उन्नाव के बीघापुर निवासी अखिलेश कुमार और लखीमपुर खीरी के ईशानगर का सौरभ शर्मा के रुप में हुई है। गिरोह का मास्टरमाइंड सत्येंद्र द्विवेदी है।

पुलिस को सूचना मिली कि गोमती नगर इलाके में एक कैफे में डिग्रियां बनाई जा रही हैं. सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि छात्रों को उनकी जरूरत के हिसाब से फर्जी डिग्री देते हैं, जिसका इस्तेमाल करके छात्र प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते थे. कोर्स के हिसाब से डिग्री के रुपए लिए जाते थे, 15 हजार से 4 लाख तक में बेचा जाता था. आरोपी पैसे लेकर पीएचडी से लेकर बीटेक, बीसीए ,एमसीए, एमबीए, बीए, एमए की डिग्री देते थे. आरोपी अब तक 1500 लोगों को फर्जी डिग्री दे चुके हैं,जिसकी कीमत 15 करोड़ रुपए बताई जा रही है.

पुलिस को आरोपियों के पास से 25 यूनिवर्सिटी की 923 डिग्री मिली हैं। 15 अलग-अलग यूनिवर्सिटी की मोहरें, 65 डिग्री बनाने वाला पेपर और 6 लैपटॉप सहित डिग्री बनाने का सामान मिला है। अब पुलिस फर्जी डिग्री लेने वालों का डाटा भी तैयार कर रही है। वहीं, गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है और मामले में अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।


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