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पिथौरा : हितग्राही की मौत के बाद नहीं मिला जीवन बीमा कवर का लाभ, बैंक के कर्मचारी करते रहे परिवार वालों को गुमराह

पिथौरा स्थित एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी ने हितग्राही को उसके जीवन बीमा कवर का लाभ प्रदान नही किया, बल्कि हितग्राही के मौत के बाद उसके परिवार वालों को पैसा मिलने का झांसा देकर गुमराह करते हुए लगातार लोन की क़िस्त भरवाता रहा, और अंत में क़िस्त पूरी के बाद लोन बंद कर दिया. जिसके कारण परिवार को आर्थिक रूप से हानि हुई और मानसिक परेशानी भी झेलनी पड़ी.

मामला पिथौरा में स्थित ESAF माइक्रोफाइनेंस का है, जहाँ से बसना के निवासी तिलक राम ठाकुर ने 18 अक्टूबर 2022 को 46 हजार रुपयों का लोन लिया था. इस लोन को उन्हें 570 रुपये प्रति सप्ताह देकर कुल 100 किस्तों में 57 हजार रुपये चुकाने थे.

लोन लेने के बाद तिलक राम ठाकुर ने बैंक में 72 क़िस्त में कुल 41 हजार 40 रुपये चूका दिए थे, और इसी दौरान 16 मार्च 2024 को उनका आकस्मिक निधन हो गया.

तिलक राम ठाकुर के मृत्यु के बाद बैंक के कर्मचारियों ने उनके परिवार वालों से इसका क़िस्त लेना जारी रखा और उन्हें गुमराह करते रहे. जबकि ऋण लेते समय उन्हें जीवन बीमा कवर प्रदान किया गया था. जिसके तहत हितग्राही की मृत्यु के बाद ऋण की बकाया राशि का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है और मृतक के परिवार को ऋण चुकाने की आवश्यकता नहीं होती है.

लेकिन बैंक के कर्मचारियों ने हितग्राही की मृत्यु के बाद उसके परिवार वालों को सहायता करने की बजाय उनसे से लगातार वसूली करने में जुट गए.

बैंक के कर्मचारियों का कहना था कि लोन बंद करना पड़ेगा इसलिए जितना भी क़िस्त है उसे चुकाना पड़ेगा, और 6 महीने बाद पूरा पैसा वापस आ जायेगा.

बैंक के कर्मचारियों की बातों में आकर परिवार वालों ने कुल 95 क़िस्त कुल 54 हजार 150 रूपए की राशि जमा कर दी, मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिया लेकिन बैंक ने बीमा कवर देने के बजाय उक्त लोन को ही बंद कर दिया. जबकि परिवार वालों ने 5 क़िस्त भी नहीं पटाई थी.

ESAF माइक्रोफाइनेंस बैंक की इस लापरवाही की वजह से हितग्राही को उसका बीमा कवर का लाभ नहीं मिल पाया, और अब जब हितग्राही का परिवार बैंक जाकर जमा किये गए पैसे के बारे में पूछताछ करते हैं तो बैंक वाले उन्हें गोलमोल जवाब देकर आज कल करते टाल रहे हैं.


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