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कोरोना वायरस को गंभीरता से नहीं ले रहे लोग, लॉकडाउन के बावजूद बेवजह निकल रहे घरों से बाहर.

प्रधानमंत्री मोदी के अपील के बाद कल लोगों ने जनता कर्फ्यू का पालन तो किया, लेकिन आज फिर से बेवजह सड़कों में घूमना शुरू कर दिया.  कल जिले के कलेक्टर ने ‘जनता कर्फ्यू’ रात 9 बजे के बाद भी यथासम्भव लगातार 31 मार्च तक लोगों से घरों में बने रहने तथा भीड़-भाड़ से बचने की अपील की.

इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शासन के निदेशानुसार किसी व्यक्ति/संस्था/संगठन द्वारा कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण की रोकथाम एवं नियत्रंण हेतु जारी किसी भी निर्देश का उल्लंघन किये जाने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत सख्त कार्यवाही करने की बात कही गई.

इसके बावजूद कुछ लोगों यह चीज मजाक ही लग रही है, बेवजह बंद पान ठेलों, चौराहों पर भीड़ भी जमा हो जा रही है.

कोरोना वायरस (COVID-19) एक संक्रामक बीमारी है,  जो विश्व के विभिन्न देशों में कुछ ही हफ्तों में महामारी का रूप ले चुकी है. जिसके चलते प्रशासन ने पीड़ित व संदेही से दूर रहने की सख्त हिदायत दी गई है.

लेकिन लोगों की मनमानी अगर  ऐसे ही चलती रही तो प्रशासन को इससे भी कठोर कदम उठाने पड़ सकते है. बेवजह घुमने वाले लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस महासमुंद जिले में किसी भी हाल में नहीं पहुँच सकता है, लेकिन ऐसे सोच वालों का खामियाज़ा इनके परिवार, शहर वालों को भी उठाना पड़ सकता है.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते प्रधानमंत्री के बाद कल प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह निर्णय कठोर, लेकिन आपके, आपके परिवार की जीवन रक्षा के लिए आवश्यक है. इस संकट की घड़ी में पूरी सरकार आपके साथ है, अत्यावश्यक सेवाएं जैसे मेडिकल शॉप, किराना दुकानें, जनरल स्टोर्स, सब्जी, दूध, पेट्रोल पंप खुले रहेंगे. बिजली, जल, घरेलु गैस, साफसफाई तथा आवश्यक वस्तुओं के कमर्शियल परिवहन सेवाएं भी पहले की तरह निर्बाध रूप से कार्य करती रहेंगी.

विश्वभर में कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन या आइसोलेशन को ही एकमात्र कारगर तरीका माना गया है. केंद्र शासन ने 31 मार्च तक यात्री रेल सेवा को बंद कर दिया है. छत्तीसगढ़ में भी वायरस के फैलाव को रोकने के लिये शहरी क्षेत्रों में 31 मार्च तक लॉकडाउन किया जा चूका है. लेकिन लोग तो जैसे मानो एक ही दिन में जंग जीत ली.




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