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पत्रकार को कैद करने वाले आरोप को सरपंच-सचिव ने बताया निराधार, स्वास्थ विभाग के कर्मचारी ने कहा हुई चूक.

कल बसना ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत लोहड़ीपुर के सरपंच सचिव और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए गए, जिस पर आज ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव और स्वास्थ्य विभाग ने लगाये गए सारे आरोपो को बेबुनियाद बताया है.

मिली जानकारी के अनुसार 22 मार्च को राजधानी रायपुर से एक मीडियाकर्मी बसना ब्लाक अंतर्गत ग्राम लोहड़ीपुर आया. जिसके बाद शासन के नियमानुसार से स्वास्थ विभाग और ग्राम पंचायत ने पत्रकार और उनके घर वालो होम क्वॉरेंटाइन किया.

ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव और स्वास्थ्य विभाग के ऊपर आरोप लगाया गया था कि ग्राम पंचायत में लाखों का भ्र्ष्टाचार किया गया है, जिसके भंडाफोड़ के डर के वजह से मीडियाकर्मी को नजर बन्द कर दिया गया है. ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों के ऊपर द्वेष भावना का आरोप लगाया गया था.

जिस पर सरपंच श्रीमती लीला बाई सिदार, उप सरपंच, पंच गणपत यादव,  पंच सौकी लाल मुंडा, रामिन बाई, , पम्पा बाई औऱ समस्त पंच गण ने बताया कि उक्त मीडियाकर्मी के पिता पूर्व में ग्राम पंचायत के उप सरपंच थे, जिसके कारण तत्कालीन सरपंच और सचिव के साथ मन मोटाव के चलते सरपंच सचिव को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

स्वास्थ विभाग से कर्मचारी तांडी ने बताया की उन्हें पता चला था की बाहर से एक व्यक्ति आया है, जिसको घर जाने के बाद वह नहा रहा था, गांव में कई और लोगो का और स्क्रीनिंग किया जाना था. जिसके कारण लेट हो रहा था. वहां 15 मिनट रूकने के बाद भी वह व्यक्ति बाथरूम से नही निकला जिसके बाद मैं वहां से चला गया.

स्वास्थ विभाग के अल्फा तांडी ने बाहर से आए व्यक्ति से बिना मिले औऱ बिना स्क्रीनिंग किए ही उसे होम क्वॉरेंटाइन कर दिया. अल्फा तांडी ने सीजी संदेश डॉट कॉम को बताया की मेरे से गलती और चूक हुई है, आज मैं लोहड़ीपुर जाकर स्क्रीनिंग करूँगा.

वही मास्क नही बाटने वाले आरोप में कहा उन्होंने कहा कि विभाग के तरफ से एक भी समान अभी नही मिला है जिससे हम लोगों को बाट सके.

दरसल इस मामले में स्वास्थ विभाग का भी बहुत बड़ा लापरवाही सामने आया है, जिस व्यक्ति को 14 दिनो के लिए होम क्वॉरेंटाइन करना था उसको 28 दिन के लिए होम क्वार्टन कर दिया गया.

नियमानुसार अन्य राज्यों से आये व्यक्तियों को 14 और विदेश से आए व्यक्तियो को 28 दिनों तक घर में ही रहने का सलाह दिया गया है, लेकीन लोहड़ीपुर में पत्रकार को 14 के बजाय 28 दिनों के लिए होम क्वार्टन कर दिया गया, जिसको कल शाम सुधारा गया है.

वही इस पूरे मामले में पंच सरपंच ने बताया की उक्त मीडियाकर्मी जनता कर्फ्यू के दिन राजधानी से बसना पहुँच गया और बिना स्वास्थ परीक्षण के गांव में रहने लगा. पंच-सरपच ने आरोप लगाया की बिना जानकारी दिए ग्राम पंचायत विभाग और स्वास्थ्य विभाग को गांव में रहने लगा था. जबकि उसे स्वास्थ परीक्षण करवाना था लेकिन एक पत्रकार होते भी किसी को जानकारी देना सही नही समझा और गांव में रहने लगा.

बाहर से कोई व्यक्ति आया है और बिना स्वास्थ परीक्षण के गांव में 1 सप्ताह तक है इस बात की जानकारी ग्रामीणों द्वारा जन प्रतिनिधियो को दिया गया. जिसके बाद नियमानुसार स्वास्थ विभाग और पँचायत विभाग द्वारा होम क्वार्टन किया गया.

वही पंच सरपंच ने बताया की स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से मिली जानकारी के अभाव में उन्होंने 14 दिन के बजाय 28 दिन लिख दिया था, जिसको सुधार किया गया है.




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