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कोरोना वायरस के भय से प्रार्थना, दुआ करने लगे हैं ग्रामीण

ग्रामीण मजदूर वर्ग के लोगों को होने लगी है गंभीर आर्थिक परेशानी की समस्या

महिला समूह की किश्ती पटाने बर्तनों को गिरवी रखने की आ रही है स्थिति

एक दूसरे के घर से भी बनती जा रही है दूरी, वायरस का खौफ,

नोवेल कोरोना वायरस सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में संक्रामक रोग घोषित होने के बाद बसना अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस के भय से ग्रामीण जन काफी ज्यादा भयभीत हैं। कोरोना वायरस के बचाव के नाम से लोग अपने-अपने घरों में व्यस्त हैं। गांव गली में सन्नाटा पसरा हुआ है। अति आवश्यक काम आने पर ही ग्रामीण अपने अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं।

नोबेल कोरोनावायरस से बचाव के लिए ग्रामीण अंचल के लोग अपने-अपने घरों एवं गली मोहल्ले में पूजा प्रार्थना करने में लगे हैं। बसना अंचल के दूरस्थ वनांचल ग्राम केलवाडबरी में ग्राम कोटवार आनंद राम चौहान एवं उनके परिवार के द्वारा घर के आंगन में बैठकर कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रार्थना सभा भी की जा रही है। ग्राम कोटवार आनंद राम चौहान ग्रामीणों के सुरक्षा के लिए कोरोना वायरस के बचाव के लिए ईश्वर से प्रार्थना करने में लगे हुए हैं। साथ ही साथ आनन्दराम चौहान आस-पास के गांव जमनीडीही, जमदरहा, ललितपुर, बनडबरी, डोंगरीपाली, ढालम, रंगमटिया, बिलखंड, बिरेनडबरी, गढ़गांव, दलदली, रामभाटा, लोहड़ीपुर, सनबहाली आदि गांव के अपने कोटवार साथियों को भी मार्गदर्शन दे रहे हैं। केलवारडबरी के कोटवार आनंद राम चौहान के इस सक्रियता एवं प्रार्थना के लिए ग्रामीण अंचल में कोटवार के कार्य की काफी सराहना की जा रही है।

ग्राम गढ़फुलझर के रिटायर्ड फौजी नरेंद्र पांडे ने बताया कि कोरोना वायरस से पूरे फूलझर अंचल में भय का माहौल बना हुआ है। ग्रामीण जन अपने अपने घरों में बैठे हुए हैं। गांव के मेडिकल स्टोर, किराना दुकान को छोड़कर बाकी सभी दुकानें बंद हैं। ग्राम गढ़फुलझर उड़ीसा बॉर्डर में आने के कारण उड़ीसा प्रांत से लोगों को छत्तीसगढ़ में आने नहीं दिया जा रहा है। बसना पुलिस की टीम भी इस मार्ग पर लगातार दौरा कर रही है। जिसके कारण उड़ीसा उड़ीसा प्रांत के लोगों का आवागमन भी वर्तमान में बंद है। गढ़फुलझर के साप्ताहिक बाजार को भी बंद करवा दिया गया है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से ग्रामीणों द्वारा अंचल के लोगों को समझाइश भी दी जा रही है।

ग्राम जबलपुर (पथरला) निवासी शंभुनाथ बारीक ने बताया कि ग्राम पथरला अंचल का हृदय स्थल है। ग्राम पथरला में मेडिकल स्टोर, किराना दुकान ही खुला है। बाकी सभी दुकानें बंद हैं। आसपास के लोगों को समझाइश दी जा रही है। इस कारण पथरला, जबलपुर ,ताला, बैतारी, भीखापाली,जाडामुडा, झारमुडा अंचल में सन्नाटा पसरा हुआ है। कोरोना वायरस से अंचल के लोग काफी भयभीत हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से ग्रामीण जन पथरला भी नहीं आ रहे हैं। अति आवश्यक काम आने पर ही ग्रामीण जन किराना दुकान या दवाई की दुकान में आ रहे हैं।

अंचल के ग्राम बम्हनी के नीलमणि बारिक ने चर्चा करते हुए बताया कि बम्हनी अंचल में भी ग्रामीण जन कोरोना वायरस के नाम से काफी ज्यादा भयभीत हैं। ग्रामीण जन अपने अपने घरों में पूजा पाठ कर अपना समय काट रहे हैं। कोई भी व्यक्ति चौक, चौराहे, गली मुहल्ला में निकलना भी उचित नहीं समझ रहा है। ग्राम बम्हनी के किराना दुकान को छोड़कर, सभी दुकान, पान ठेला, होटल इत्यादि बंद है। ग्रामीण जन कोरोना वायरस के नाम से एक दूसरे के घर भी नहीं जा रहे हैं।

ग्राम सलडीह के सरपंच संत कुमार प्रधान ने बताया कि कोरोना वायरस से लोग जितना भयभीत हैं, उतना ही ज्यादा आर्थिक रूप से भी परेशान होने लगे हैं। सलडीह अंचल के ग्राम कटंगतराई, केसरीपुर, नवागांव, बारिक पाली, शंकरपुर,ढोढकसा आदि गांव के निर्धन मजदूर वर्ग के लोगों के पास आर्थिक समस्या गहराने लगी है। रोजी मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले इन मजदूर वर्ग के लोगों को गंभीर आर्थिक समस्या का सामना करना पढ़ रहा है। चार छह दिन अगर यही स्थिति रही, तो ग्रामीण मजदूरों को अपने घर के बर्तन बेचने की स्थिति भी आ जाएगी। ग्रामीण अंचल की महिलाएं अनेक महिला समूहों में शामिल होकर कर्ज ले रखी हैं। जिसमें उन्हें साप्ताहिक भुगतान करना पड़ता है। रोजी मजदूरी बंद हो जाने के कारण समूह में लिए गए कर्ज की किश्ती पटाने के लिए, उन्हें घर के बर्तन भी बेचने की स्थिति आ रही है। सरपंच संत कुमार प्रधान ने आगे बताया कि ग्रामीण अंचल के यह मजदूर बसना के राइस मिलों में,ठेकेदारों के पास, किसानों के यहां मजदूरी करने प्रतिदिन जाते रहते थे। वर्तमान में सभी काम बंद होने के कारण मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। जिसके कारण उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न होने लगी है।जिसके कारण ग्रामीण मजदूर वर्ग के लोग काफी ज्यादा परेशान एवं भयभीत नजर आ रहे हैं।

नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) को सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के लिए संक्रामक रोग घोषित कर दिया गया है। इस संबंध में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर इसे आगामी आदेश तक प्रभावशील किया गया है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में छत्तीसगढ़ पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 (क्र. 36 सन् 1949) की धारा 50 के अंतर्गत राज्य सरकार एतद् द्वारा नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) को सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के लिए संक्रामक रोग घोषित किया गया है तथा अधिनियम की धारा 51 के अंतर्गत नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) को सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के लिए अधिसूचित संक्रामक रोग (नोटिफाइड इन्फेटियस डिसीस) रोग घोषित किया गया है।




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