मातृ दिवस पर विशेष
( माँ )
वो माँ जो कहानियाँ सुनाया करती थी,
वो माँ जो आँचल में सुलाया करती थी।
वो माँ जो हर वक़्त समझाया करती थी,
वो माँ जो रोने पर चुप कराया करती थी।
वो माँ जो अच्छी बाते सिखलाया करती थी,
वो माँ जो गम में भी मुस्कुराया करती थी।
वो माँ जो रूठने पर मनाया करती थी,
वो माँ जो कभी खुद भी रूठ जाया करती थी।
वो माँ अब मेरे करीब नहीं है,
उसकी स्मृतियां मेरे जीवन में बसी है।
उसकी हर बातें मुझे प्रेरणा देती है,
बेजान सी जिंदगी को नया जीवन देती है।।
चरनदीप अजमानी, पिथौरा
ajm.charan@gmail.com
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