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शिक्षका का जाति प्रमाणपत्र निकला संदेहास्पद, शिकायतकर्ता को है कार्यवाही का इंतज़ार.

जीतू तिवारी. महासमुंद जिले मे फर्जी  प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी हमेशा से चर्चा का विषय रहा है, यह बताना तो मुश्किल है कि कितने लोग फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे है. लेकिन जानकार बताते है कि जिले भर में कई विभागों में फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी हासिल की गई है. चाहे वह फर्जी प्रमाण पत्र गूंगे बहरे का हो, विकलांग की तो किसी जाति का प्रमाण पत्र.

गौरतलब है कि जिले में कई कर्मचारियों का जाति फर्जी निकल चुकी है, जिसकी जाँच भी हुई थी और प्रमाण भी मिले थे. लेकिन मामला उजागर होने के बाद भी कई अब भी नौकरी कर रहे है तो कई कर्मचारी कार्यवाही होने के बाद हाई कोर्ट से स्टे आर्डर लाकर दोबारा नौकरी कर रहे हैं.

एक ऐसा ही मामला जिले के बसना थाना अंतर्गत का, जहाँ शिकायतकर्ता लव कुमार पटेल ने उच्च माध्यमिक विद्यालय रसोड़ा मे पदस्थ श्रीमती विभा नाग पति साइमन पीटर के जाति प्रमाण पत्र फर्जी पर संदेह करते हुए जिला स्तरीय जाति सत्यापन समिति से जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने का शिकायत किया था.

प्राप्त शिकायत के बाद जिला स्तरीय जांच प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा कार्यवाही हेतु पक्षो को सुनवाई का अवसर दिया तथा हक्का पटवारी एवं तहसीलदार से जांच प्रतिवेदन उपलब्ध दस्तावेज 2019-20 के मिसल रिकार्ड खसरा बी1 परीक्षण उपरांत श्रीमती विभा नाग की जाति (अ.ज.जा) संदेहास्पद पाया गया.

जिसके बाद जिला स्तरीय समिती द्वारा निर्णय के अनुसार छत्तीसगढ़ उच्च स्तरीय छानबीन समिति को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है, जो कि शिकायतकर्ता के अनुसार मामले में आगे की कार्यवाही होना अब भी बचा हुआ है.  






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