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नर-नारी फसल के नाम पर एजेंट ने की किसानों के साथ ठगी, 64 सौ रुपये प्रति क्विंटल होना था धान का भुगतान.

जीतू तिवारी,  बसना के क्षेत्र में कुछ साल पहले नर-नारी धान की फसल काफी मात्रा में पैदावार किया जा रहा है, संस्था स्थानीय स्तर के एजेंट के माध्यम से किसानों को बीज प्रदान करती है और फसल के बाद एजेंट के माध्यम से कंपनी पैदावार धान को खरीदती है.

लेकिन नर-नारी धान के महंगी खेती करने के बाद भी किसानों को एक एजेंट द्वारा धोखाधड़ी किया गया है और बीते 3 सालों में उन किसानों को पैसे देने के नाम पर घुमाने का सिलसिला जारी रहा.

मामला सरायपाली, बसना  और पिथौरा से जुड़े कई किसानों का है, जहाँ नर-नारी का एजेंट डीके पटेल को बताया जाता है जिसका गृहग्राम बसना से लगे हुए ग्राम रेमड़ा है.

उमरिया के किसानों ने एजेंट डीके पटेल रेमड़ा के माध्यम से नर-नारी धान की फसल का उत्पादन किया था, कुछ किसानों को प्रति क्विंटल 6200 रुपए से भुगतान तो हुआ लेकिन कुछ किसान बच गए. जिसका भुगतान आज तक नहीं हो पा रहा है.

किसानों ने सीजी संदेश डाट कॉम को बताया कि कई बार एजेंट से संपर्क किया गया, लेकिन पैसा के लिए बस घुमाया जा रहा है प्रत्येक किसानों से 8 से 9 क्विंटल धान खरीदी किया गया था, जिसका भुगतान प्रति क्विंटल 6200 रु के हिसाब से दिए जाने के बात कही गई थी. लेकिन अभी तक कई किसानों का भुगतान नही किया गया.

किसानों ने सीजी संदेश को बताया कि एजेंट पैसा मागने पर भड़कने लगता है, इस बात की जानकारी के बाद संवाददाताओं ने एजेंट डीके पटेल से संपर्क किया तो इस बात को स्वीकारा किया गया की धान खरीदी किया गया है, और भुगतान नहीं किया गया है.

जब समाचार प्रकाशन की बात कहा गया तो भुगतान कर देने की बात एजेंट द्वारा कहा गया. और कल रात को ग्राम उमरिया पहुंचकर कुछ लोग किसानों से समझौता करने लगे.

किसानों ने बताया कि एजेंट की जगह उसका भाई और कोई शिक्षक समझौता करने के लिए आए थे और सही कीमत की जगह केवल 20 प्रतिशत ही रकम देने की बात एजेंट के भाई द्वारा कहा गया. जिसके बाद किसानों ने समझौता होने से मना कर दिया.

किसानों ने सीजी संदेश को बताया कि अगर हमारा भुगतान नहीं होता है तो हमें जल्द ही कृषि विभाग के उच्च अधिकारियों और पुलिस विभाग के शिकायत कर न्याय के गुहार लगाएंगे ताकि हमें एजेंट से हमारे खून पसीने की कमाई के पैसे मिल सके.





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