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कोविड का केस आते ही एक्टीवेट होगी कान्टेक्ट ट्रेसिंग टीम- कलेक्टर

महासमुंद 20 मई 2020/ जिले में जैसे से अन्य प्रांतों से आ रहे प्रवासी मजदूरों के आगमन सहित बाहरी गंतव्य की ओर जाने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, वैसे-वैसे कोरोना वायरस के संक्रमण फैलाव में बढ़ोत्तरी के आसार भी तेज हो रहे हैं। संकटापन्न स्थिति में जिलेवासियों को कोरोना के कहर से बचाने के लिए कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने आकस्मिक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की पहली मंजिल पर चल रही कोरोना कंट्रोल यूनिट टीम के प्रशिक्षण में पहुंच कर प्रशिक्षणार्थियों के लिए विशेष कक्षा आयोजित करा दी। इस दौरान कलेक्टर श्री जैन ने पंडित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुछ वीडियो दिखवाए और प्रवासी मजदूरों के आगमन से संक्रमण फैलाव की बढ़ती आशंका के प्रति कोरोना वाॅरियर्स को पहले ही सतर्क कर दिया। उन्होंने जिले के कन्टेंन्मेंट जोन में आने के पहले की तैयारियों सहित अन्य परिस्थतियों से जूझने से उबरने के उपाए बताए।

जिले का प्रवेश कन्टेन्मंेट जोन में ना हो इसके लिए प्रत्येक प्रवासी मजदूर के आने से लेकर क्वारंटीन अवधि पूरी करने तक विशेष ध्यान रखकर की जाने वाली आवश्यक कार्रवाई और चिकित्सकीय सेवाओं के संबंध में विस्तार से समझाते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। 

प्रशिक्षण कार्यशाला में जिले भर से आए खंड चिकित्सा अधिकारियों और विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधकों सहित संबंधित क्षेत्रों का चिकित्सकीय दल मौजूद था। उन्हें इस बार कन्टेन्मेंट जोन यानी जब कोविड 19 से पीड़ित का प्रकरण मिल जाए तब क्या करना है और कैसे निपटना है, इसकी जानकारी दी गई। इस दौरान चिकित्सकों ने प्रशिक्षणार्थियों को बतलाया कि इस स्थिति में संबंधितों को तीन भागांे में बांट कर कार्रवाई की जानी है, जिसमें प्रायमरी काॅन्टेेक्ट (हाई रिस्क), प्रायमरी काॅन्टेक्ट (लो रिस्क) एवं सैकंड्री काॅन्टेक्ट मतलब अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने के प्रकरणों में पुराने एवं नए दोनों किस्म के बारीकी से अध्ययन कर संलग्न प्रकरणों को भी संज्ञान में लेते हुए सतर्कतापूर्ण निगरानी शामिल होगी। कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम दल के नोडल अधिकारी ने भी जानकरी प्रदान करते हुए बताया कि यदि किसी संदिग्ध व्यक्ति को नियमावली के अनुरूप अच्छे से क्वारंटीन किया गया है और उसने भली प्रकार से अनुक्रमणिका का पालन किया है, जब पांच से दस प्रकरणों के संपर्क में आ जाने की संभावना होती है।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि जिले में अब तक कुल 10 हजार 157 संदिग्ध मरीजों को क्वारंटीन किया गया। जिनमें से चार हजार 104 संदिग्ध 28 दिनों की अवधि पूर्ण कर चुके हैं, वहीं छह हजार अडतीस प्रकरणों में निगरानी की जा रही है। इसी तरह 564 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिनमें 383 की रिपोर्ट निगेटिव मिलने के बाद 180 प्रकरणांे में परिणाम का इंतजार अभी भी शेष है। उल्लेखनीय है कि जिले में अब तक कोरोना वायरस का संक्रमण किसी को नहीं हुआ है, किन्तु प्रवासी मजदूरों के आवागमन को देखते हुए रोकथाम के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सतर्क हैं।





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