कोेरोना खत्म होने के पहले और भी हो सकता है खतरनाक, तो बने रहें सावधान
स्वास्थ्य सलाहः- प्रवासी मजदूरों की बढ़ती संख्या देख स्वास्थ्य विभाग ने किया डबल अलर्ट
जैसे-जैसे
बाहरी राज्यों से वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों की संख्या में इजाफा हो
रहा है, वैसे-वैसे कोविड 19 के संक्रमण फैलाव की आशंका भी तेजी से बढ़ रही
है। स्वास्थ्य विभाग ने पहले से भी ज्यादा सतर्क और सजग रहने की एडवाइजरी
जारी करते हुए आमजन से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील भी की है
महासमुंद
23 मई 2020/ प्रदेश स्तर पर किए जा रहे आंकलन के मुताबिक ऐसे कई जिले हैं,
जो पहले तो ग्रीन जोन में आते थे, लेकिन हाल में वे ऑरेंज बेल्ट में
तब्दील हो गए। ऐसा पूर्व से संक्रमित प्रवासियों के प्रदेश में प्रवेश करने
के कारण अधिक तेजी से होने के अनुमान हैं। दूसरी ओर, तथाकथित रूप से जिले
में भी कुछेेक स्थानों पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर आमजन
में जागरूकता की कमी होने की सूचनाएं भी बढ़ीं हैं। ऐसे में, कलेक्टर श्री
सुनील कुमार जैन के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग पहले की तुलना में और
अधिक सतर्क हो गया है। इसकी कड़ी में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
डाॅ एसपी वारे ने वर्तमान वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए विभागीय
कर्मचारियों सहित गणमान्य नागरिकों से और भी ज्यादा सावधान हो कर रहने की
अपील की है।
कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम दल के डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस
अधिकारी डाॅ छत्रपाल चंद्राकर से मिली जानकारी के अनुसार प्रवासी मजदूरों
की जांच में विलंब न हो इसके लिए रैपिड टेस्ट किट का भी प्रयोग बढ़ा दिया
गया है। 21 मई 2020 तक ही जिले में आरडी किट से कुल एक हजार सात सौ
इक्हत्तर संदिग्ध मरीजों की जांच की जा चुकी है। जिसमें, रि-एक्टिव एवं
नाॅन एक्टिव प्रकरणों का आंकड़ा क्रमशः दस व एक हजार सात सौ इक्सठ प्रकरणों
तक रहा। वहीं, अब तक कुल ग्यारह हजार दो सौ इकसठ संदिग्ध यात्रियों को
क्वारंटीन कर छह सौ पचास संदिग्धों के नमूनों को जांच के लिए राजधानी भेजा
जा चुका है। साथ ही तकरीबन सत्तर फीसदी नमूनों की रिपोर्ट निगेटिव मिल चुकी
है और कुल दो सौ छैंसठ के परिणाम आने अभी शेष हैं।
इधर,
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में प्रबंधन की बागडोर सम्हाल रहे जिला
कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने भी वर्तमान स्थिति को बिलकुल भी
हल्के में न लेने की बात कही। उनके मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर
दुनिया भर के चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना वायरस के संक्रमण का
खतरा विशेषकर पचपन व साठ वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों सहित
बच्चों में अधिक है। साथ ही जिन लोगों को पहले से ही मधुमेह, हृदय रोग यानी
दिल की बीमारी और अस्थमा इत्यादी की शिकायतें हैं, उन्हें स्वयं के
स्वास्थ्य की चिंता पहले से ओर भी ज्यादा करनी चाहिए। जनकारों की मानें तो
दुनिया भर के टेंªड के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अब तक अपने
उच्चतम स्तर तक नहीं पहुंच है, यानी खतरा अभी टला नहीं अपितु और अधिक बढ़
गया है। अगले कुछ ही हफ्तों में यह चरम पर होगा, जिसके बाद शनै-शनै गिरता
स्तर दिखाई दे सकता है जैसा कि चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में हुआ।
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