जिले में ‘‘रोका-छेका’’ की व्यवस्था लागू करने लिए शुक्रवार 19 जून को होगी बैठक पंच, सरपंच, जनप्रतिनिधि, ग्राम के गणमान्य नागरिक, ग्रामवासी और चरवाहे सहित अन्य लोग बैठक में होंगे शामिल
महासमुंद 18 जून 2020/ छत्तीसगढ़ में फसलों को सुरक्षित रखने के लिए
‘‘रोका-छेका’’ की व्यवस्था की जाती है। इस व्यवस्था से धान की फसल को चराई
से बचाने, मावेशियों का खुले में चरना प्रतिबंधित करने से अन्य फसल लिए
जाने की सम्भावना बढ़ जाती है। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने जिले में
‘‘रोका-छेका’’ की व्यवस्था लागू करने लिए शुक्रवार 19 जून 2020 को जिले के
551 ग्राम पंचायतों एवं ‘‘गौठान’’ में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने को
कहा हैं, जिसमें पंच, सरपंच, जनप्रतिनिधि, ग्राम के गणमान्य नागारिक,
ग्रामवासी और चरवाहे सहित अन्य लोगों को शामिल कर ‘‘रोका-छेका’’ की
व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा गया हैं।
कलेकटर ने बताया कि जिले मे
ग्राम पंचायत के सीमा के भीतर निर्मित गौठानोे के अंतर्गत विभिन्न
कार्यक्रमों और गतिविधियो के संचालन के संबंध मे विशेष ग्राम सभा का आयोजन
19 जून को किया जाएगा। विशेष ग्राम सभा मे धान की फसल को चराई से बचाने के
लिए मवेशियों को प्रतिबंधित करने के लिए पंच, सरपंच, जनप्रतिनिधि, ग्राम के
गणमान्य नागरिकों और ग्रामवासी एवं चरवाहे मिलकर प्रचलित रोका-छेका की
व्यवस्था को और अधिक सुद्ढ रूप से लागू करने के संबंध मे निर्णय लेंगे।
इसके अलावा गौठान मंे उत्पादित कम्पोस्ट खाद का वितरण, गौठानों से संम्बद्व
स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामाग्री का प्रदर्शन, गौठानों में पशु
चिकित्सा तथा पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, पशु पालन एवं मछली पालन हेतु
किसान क्रेडिट कार्ड बनाने हेतु शिविर का आयोजन, कृषि, पशु पालन, मछली पालन
की विभिन्न योजनाआंे मंे हितग्राहियांे को लाभांवित करने तथा पशुआंे हेतु
पैरा संग्रहण एवं भंडारण की मुहिम चलाने के संबंध मे चर्चा की जाएगी।
कलेक्टर श्री गोयल ने रोका-छेका योजना को सफल बनाने के लिए सोशल
डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए ग्राम रोजगार सहायक एवं ग्राम पंचायत सचिव
अपने-अपने ग्राम पंचायत में सम्पन्न हुए कार्यक्रमों के आयोजन केे
फोटोग्राफ एवं कार्रवाई विवरण की जानकारी 19 जून को शाम 06ः00 बजे तक जनपद
पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारियों के माध्यम से जिला पंचायत में
प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है।