जिले में नरसुकर एवं सुकरत्रयी इकाई का किया गया वितरण गौठान ग्रामों के हितग्राही हुए लाभान्वित
महासमुंद 19 जून 2020/ पशुधन विकास विभाग द्वारा व्यक्तिमूलक योजनान्तर्गत जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के 20 हितग्राहियों को नरसुकर इकाई एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के 33 हितग्राहियों को सुकरत्रयी इकाई का वितरण किया गया। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी ने बताया कि विकासखण्ड महासमुंद के श्रीमती बिरीज, नाजुक, लक्ष्मी, लता, भूशू, पुजारी देवार महासमुंद, श्रीमती नगमा देवार तुमगांव एवं गौठान ग्राम सिरपुर के राजेन्द्र मेहर को नरसुकर प्रदान किया गया। वहीं बैशाखु जमीर महासमुंद, ईश्वर ग्राम बनसिवनी, रामप्रसाद धनसुली, राजाराम, सवंरा तुमगांव, गोपीसिंह, पोखन, गौठान ग्राम सिरपुर को सुकरत्रयी वितरित किया गया। इसी प्रकार विकासखण्ड बागबाहरा के मनोहर एवं जीवनलाल गोड़ ग्राम-जुनवानीखुर्द को सुकरत्रयी इकाई वितरित किया गया।
विकासखण्ड पिथौरा में श्री गोपाल गौठान ग्राम नवागांवकला को
नरसुकर प्रदान किया गया। वहीं अश्वनी, दुलारासिंह, टोपराम ग्राम कोल्दा,
रामप्रसाद, रामसिंह गौठान ग्राम सोहागपुर, श्यामकुमार, बुधराम
राजासेवैयाखुर्द को सुकरत्रयी इकाई वितरण किया गया। इसी प्रकार विकासखण्ड
बसना के सालिकराम, श्यामलाल बरिहापाली, सोहनलाल गनेकेरा, रामेश्वर खरोरा,
सतपती डुमरपाली, श्रीमती नुरजोबाई नवागांव, अजय कुमार भुकेल, एवं डोरीलाल
ग्राम उड़ेला को नरसुकर प्रदान किया गया। वही श्रीमती संतराबाई, सुरेश ग्राम
भुकेल, पीरथी गनेकेरा, मायाराम बिजराभाठा, बाबुलाल, शाहदूल ग्राम अजगरखार,
कुबेर गौठान ग्राम सिंघनपुर, श्रीमती अगिनमोती बोहारपाल, श्रीमती कचराबाई,
अखराबाई, नानबाई एवं सागर ग्राम उड़ेला को सुकरत्रयी वितरण किया गया। इसी
प्रकार सराईपाली विकासखण्ड के श्री दुरवासा ग्राम मोहनमुड़ा, सालिकराम,
हेमराम भीखापाली को नरसुकर वितरित किया गया वही सफेदसिंह, धरमसिंह ग्राम
जामपाली, सीताराम, घनश्याम गौठान ग्राम जटाकन्हार को सुकरत्रयी वितरित किया
गया।
उल्लेखनीय है कि नरसुकर इकाई वितरण योजना में प्रति इकाई एक
उन्नत नस्ल का नरुसकर प्रजनन हेतु प्रदान किया जाता है जिससे हितग्राहियों
के पास उपलब्ध देशी मादाओं से उन्नत नस्ल की संतति उत्पादित होकर हितग्राही
को अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। प्रति इकाई लागत साढ़े तीन हजार रूपये
है जिसमें 10 प्रतिशत की राशि हितग्राही अंशदान एवं 90 प्रतिशत राशि
शासकीय अनुदान प्रदान किया जाता है। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राही इस
योजना के पात्र होते है। इसी प्रकार सुकरत्रयी इकाई वितरण योजना के अंतर्गत
हितग्राही को उन्नत नस्ल की 2 मादा एवं एक नरसुकर प्रदान किया जाता है।
इसका भी उद्देश्य देशी नस्लों का उन्नत नस्ल में सुधार कर अधिक आय अर्जित
कर आर्थिक रूप से हितग्राही को समृध्दि करना है। प्रति इकाई इसकी लागत 9
हजार रूपये है जिसमें 10 प्रतिशत हितग्राही अंशदान एवं 90 प्रतिशत शासकीय
अनुदान प्रदान किया जाता है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राही इसके पात्र
होते है।