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डेम बह जाने वाली बात भ्रामक, बाढ़ के वजह से निर्माणधीन स्टॉप डेम का कार्य बाधित.

बसना विकासखण्ड अंतर्गत पलसापाली में निर्माणधीन स्टॉप डेम में बाढ़ और रिकार्ड तोड़ बारिश की वजह से दरार आ गया है. निर्माणधीन डेम में नीव भराई का था कार्य जारी था और बाढ़ ने कार्य को प्रभावित किया है. कृषि विभाग के आरएस प्रधान ने स्टॉप डेम में बह जाने वाली बात को भ्रामक जानकारी बताया है.

मिली जानकारी के अनुसार निर्माणधीन डेम स्टॉप डेम के किनारे मटेरियल भराई का कार्य जारी था जिसके कारण स्टापडेम की दीवार के बगल में गड्डा था. इसी बीच भारी बारिश के चलते नदी में अचानक बाढ़ आ गया और पानी के तेज बहाव ने डेम से लगे किसान के मेढ को काट दिया जिसके कारण डेम के साइड में दरार आ गया.  जिसको आज मरम्मत कर सुधार किया गया है.

पलसापाली के जिस स्टॉप डेम को पहली ही बारिश में बह जाने और सबसे पहले निर्माण होने का आरोप लगाया जा रहा है दरसल, उस डेम को पहले पिथौरा के कृषि विभाग विस्तार अधिकारी हेमंत दास को कार्य करवाने आदेश जारी किया गया था. लेकिन कृषि विभाग विस्तार अधिकारी ने उच्च विभाग के अधिकारीयों आदेश अवहेलना करते हुए कार्य को लटकाया रहा और पलसापली में स्टॉप डेम का कार्य चालू ही नही किया.
जिसके बाद एडीओ आरएस प्रधान को उस स्टॉप डेम का निर्माणकार्य करने के लिए आदेश जारी हुआ. इसी प्रकार उड़ेला में भी एक स्टॉप डेम के लिए सरायपाली कृषि विभाग विस्तार अधिकारी बी.एस. नेताम को एक डेम निर्माण के लिए आदेश जारी हुआ लेकिन उनके द्वारा भी आदेशो का अवहेलना करते हुए कार्य चालू ही नही किया जबकि मार्च माह में ही आदेश जारी किया गया था कि 30 जून तक रूर्बन मिशन के तहत कार्य को पूर्ण किया जाए.

ऐसे में 2 कृषि विकास अधिकारी के अवहेलना के चलते सही समय मे कार्य शुरू नही हो पाया, वहीं कोरोना काल के चलते भी लगभग 3 सप्ताह कार्य बंद रहा. जिसके कारण से इस स्टॉप डेम का कार्य प्रारंभ होने में देर हुई और कार्य प्रभावित हुआ.

वहीं बरतिया भाठा में भी एक स्टॉप डेम अधूरा है, चूँकि संतपाली और बरतियाभाठा में कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जाने के कारण यहाँ मजदूर लोगों ने कार्य मे आना बंद दिया.

कृषि विकास अधिकारी ने बताया कि डेम जिस जगह दरार आया था पूरी उसे सुधार दिया गया है, डेम पूरी तरह सुरक्षित है बह जाने वाली बात पूरी तरह गलत बताया गया है. डेम में पानी निकासी के द्वार (गेट) को भी बह जाने वाली बात भ्रामक है. डेम में पानी निकासी के लिए 2 गेट है जिसको भी लोगों में भ्रम है कि बह गया है, जबकि यह पानी निकासी का द्वार यानी गेट है जिसमे पानी इसी से बाहर जाता है.

डेम की ऊँचाई के कम के आरोप को बताया गलत

अधिकारी ने बताया गया कि डेम का कार्य अभी पूरा नही हुआ है. अभी लगभग 1.5 मीटर और ऊंचाई होना है, कम ऊंचाई का आरोप गलत है. एडीओ आरएस प्रधान ने बताया कि कोई डेम का स्ट्रेक्चर नही बहा है. कृषि विभाग के एडीओ आरएस प्रधान के अनुसार बरतियाभाठा में 1 डेम और पलसापली में 1 डेम का कार्य अधूरा है बाकी जगह 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है.

उन्होंने बताया कि इस वर्ष जून में सबसे अधिक बारिश सुरजपुर और महासमुंद जिले में हुई है. जिले के नदी-नाला, कुआं, तालाब सभी पहली बरसात में ही लगालब हो गए. जिसके चलते भी कार्य पूरा करने का समय कम मिला.





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