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स्टापडेम के कार्य को बंद करवाने का नही कोई आदेश, दरार को सुधारकर किया गया सुरक्षित, स्टापडेम के बह जाने का आरोप गलत.

किसी और अधिकारी के कार्य का जिम्मेदारी लेना महासमुंद जिले के कृषि विभाग के एडीओ आरएस प्रधान को महंगा पड़ गया. उनके द्वारा करवाए जा रहे निर्माणाधीन स्टापडेम में पहली ही बारिश में बह जाने के आरोपो लगाया गया. जिसके बाद उच्च अधिकारीयों द्वारा उनको निलंबित करने का आदेश दिया गया.

वहीं सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी बीएल भगत ने जाँच करने के बाद  डेम के बह जाने के आरोपो को खारिज किया है. उन्होंने चर्चा के दौरान बताया कि निर्माणाधीन चेक डेम को नवनिर्मित और पहले ही बारिश में बह जाने का आरोप गलत है. पलसापली में डेम बहा नही है उसमे बस दरार आ गया था जिसको सुरक्षित कर लिया गया है.

बीएल भगत ने बताया कि निर्माणधीन डेम में अभी तक मात्र 6 लाख रु का कार्य हुआ है, और उसको पूरा बता दिया जा रहा है. बताया गया कि पलसापली डेम का कार्य पिथौरा एडीओ हेमन्त दास को दिया गया था. जिसके बाद उन्होंने ये कार्य करने से मना कर दिया और कृषि विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश में एडीओ आरएस प्रधान को कार्य दिया गया.

उन्होंने बताया कि अभी 6 जून को ही कार्य प्रारंभ किया गया था और भारी बारिश के चलते कार्य बाधित हुआ, बताया गया कि चेक डेम का साइडवाल क्रेक हुआ था जहाँ जुड़ाई का कार्य जारी था. तेज बारिश होने के कारण किनारे मटेरियल भरने का कार्य किया जा रहा था जो कि पूर्ण नहीं हुआ था.

दीवाल के आस पास कार्य करने के किए मिट्टी भी हटाया गया था लेकिन उसी दिन रिकार्ड तोड़ बारिश ने नदी पर बाढ़ ला दिया. और तेज बहाव के कारण निर्माणाधीन चेक डेम के दीवाल के ऊपर से भी पानी बहने लगा..

पानी के तेज बहाव ने वहीं के मिट्टी और मटेरियल को बहाकर ले गया जहाँ नीव को मजबूती देने मटेरियल भराई का कार्य किया जा रहा था. तथा आसपास के भी मिट्टी के कटाव के कारणों से दरार आ गया. जो कि पानी का लेबल कम होने से पता चला. जबकि चेक डेम पानी मे डूबा हुआ था.

वहीं एडीओ आरएस प्रधान को निलम्बित होने के बाद आदेश नही फिर भी चेक डेम में निर्माण कार्य चालू जैसे आरोप लगने लगे है, जबकि कार्य बंद करवाने का कोई आदेश नही था. एडीओ आरएस प्रधान के निलम्बित के बाद कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा यह कार्य करवाया जा रहा है. कोई भी कार्य बंद रखने का आदेश नही है इसलिए कार्य करवाया जा रहा है और दरार को मरम्मत कर पूरी तरह सुरक्षित कर लिया गया है.

वहीं पूर्व में इस कार्य का निरीक्षण करने महासमुंद जिला पंचायत सीईओ और कई अधिकारियों पहुंचे थे. जिनपर भी यह आरोप लगाया जा रहा है कि जिले के अधिकारियों द्वारा चेक डेम निर्माण का जायजा लिया गया था, उच्च गुणवत्ता कार्य होने की बात कही थी.

आपको बता दें कि जिस समय जिले के  अधिकारियों द्वारा कार्य का निरक्षण किया गया उस समय बरतियाभाठा में क्रमांक 1 , भंवरपुर में क्रमांक 2  और पलसापाली में क्रमांक 2  कुल 3  ही चेक डेम का निरीक्षण किया गया. जबकि पलसापली में अन्य चेक डेम बनाना शुरू ही नही हुआ था. जिसका बह जाने का आरोप लगाया जा रहा है.  

चूँकि यह कार्य आरएस प्रधान के जगह पिथौरा एडीओ हेमन्त दास को मिला था इस तरह जिले के अधिकारियों द्वारा उस समय निर्माधीन 3  चेक डेम का ही निरीक्षण किया गया था जो अभी लगभग बनकर तैयार है.

मैं पूरे मैटर का जांच करा रहा हूँ, जो सही है उसी के आधार पर निर्णय लिया जावेगा, मेरी पूरी कोशिश होगी कि अनयाय न हो.

चिरंजीवी सरकार, उपसंचालक, कृषि, महासमुंद. 




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