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15 जुलाई तक कृषक करा सकते है उद्यानिकी फसलों का बीमा

खरीफ वर्ष 2020-21 के तहत् पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना 22 जून 2020 को शासन की अधिसूचना के साथ छत्तीसगढ़ मे लागू हो गई है। उद्यानिकी फसलों का उत्पादन कर रहे कृषक टमाटर, बैंगन, अमरुद, केला, पपीता, मिर्च एवं अदरक मंे जिले के ईच्छुक ऋणी एवं अऋणी कृषक 15 जुलाई 2020 तक लोक सेवा केन्द्र, बैंक शाखा, सहकारी समिति या बीमा कंपनी बजाज एलायंस जनरल इंश्योरेंश कम्पनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर अपने उद्यानिकी फसलों का बीमा करवा सकते है। इसके लिए बीमा कंपनी के प्रतिनिधि  अनुपम श्रेय के मोबाईल नम्बर 77560-05596 एवं  संदीप डे के मोबाईल नम्बर 76111-20151 से संपर्क कर सकते है।

उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि इस योजना में सभी अऋणी कृषक (भू-धारक एवं बटाईदार), जो इस योजना मे शामिल होने के ईच्छुक है। ऐसे कृषकों को घोषणा पत्र के साथ फसल बुआई प्रमाण-पत्र अथवा प्रस्तावित फसल बोने का स्व-घोषणा पत्र सहित संबंधित अन्य अनिवार्य दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। चयनित उद्यानिकी फसलों का बीमा कराए जाने के लिए किसानों को उन फसलों के लिए निर्धारित ऋणमान का 05 प्रतिशत प्रीमियम राशि के रुप मे देना होगा। शेष प्रीमियम की राशि 50-50 प्रतिशत राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाएगा।                    
ऋणी कृषक जो इस योजना मे शामिल नहीं होना चाहते है, उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी चयन (आॅप्ट-आऊट) प्रपत्रानुसार हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा आवेदन की अंतिम तिथि के 07 दिवस पूर्व तक संबंधित वित्तीय संस्थान मे अनिवार्य रुप से जमा करना होगा। निर्धारित समय-सीमा मे हस्ताक्षरित घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर संबंधित बैंक द्वारा संबंधित मौसम के लिए स्वीकृत, नवीनीकृत की गई अल्पकालीन कृषि ऋण को अनिवार्य रुप से बीमाकृत किया जाएगा।  

किसानों को विपरीत मौसम कम तापमान, अधिक तापमान, अधिक वर्षा, कम वर्षा, बेमौसम वर्षा, कीट एवं व्याधि प्रकोप के अनुकूल मौसम, वायु गति से फसलों को होने वाले क्षति से फसल बीमा का लाभ प्राप्त होगा। स्थानीय आपदा के तहत् खरीफ मौसम के फसल केला, पपीता एवं मिर्च के लिए ओलावृष्टि से बीमा सुरक्षा प्रदान करेगा तथा ओलावृष्टि, चक्रवाती हवाएं की स्थिति में कृषक इसकी सूचना सीधे बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर 1800-209-5959 पर या लिखित रुप में 72 घंटे के भीतर संबंधित बैंक, स्थानीय राजस्व, उद्यानिकी, कृषि अधिकारी अथवा जिला उद्यान अधिकारी को बीमित फसल के ब्यौरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति का कारण सहित सूचित करेगा।

 संबंधित संस्था, विभाग 48 घंटे के भीतर कृषकों से प्राप्त जानकारी (बीमित फसल के ब्यौरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति के कारण सहित) बीमा कंपनी को प्रदान करेंगे। बीमा कम्पनी द्वारा जिले में 34 स्थानों पर स्वचलित मौसम स्टेशन स्थापित किया गया है, जिससे प्राप्त मौसम संबंधी आंकड़ों के आधार पर ही बीमा दावा का भुगतान किया जाता है। कृषक द्वारा लगाये गए फसल का केवल एक बार ही बीमा आच्छादन का लाभ ले सकता है। एक रकबे को एक से अधिक बार बीमा होने की स्थिति मे बीमा कम्पनी द्वारा ऐसे सभी दावो को निरस्त कर दिया जाएगा।





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